निगम मुख्यालय सहित जोनल ऑफिसों पर अफसर सहित कर्मचारियों का न आने का समय तय है और न ही जाने का। जब जिसकी मर्जी होती आता और चला जाता है, जबकि मुख्यालय पर लगने वाले ऑफिस का टाइम सुबह 10.30 से शाम 5.30 बजे तक का है। जोनल ऑफिस पर जोनल अफसर (जेडओ) सहित फील्ड के अन्य निगमकर्मियों के आने का टाइम सुबह 8.30 बजे व बाकी के स्टॉफ का समय 10.30 बजे से 5.30 तक का है। इस तय समय पर कई अफसर और कर्मचारी न तो आते और जाते हैं। अपनी मनमर्जी से आने-जाने वाले और बिना बताए गायब होकर कामचोरी करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए बॉयोमेट्रिक मशीन लगाई जा रही है। निगम मुख्यालय में लगने वाले ऑफिसों में यह मशीन लग गई है। जोनल ऑफिसों पर भी जल्द ही लगेगी। मुख्यालय में थंब मशीन लगाने के साथ जगह-जगह होर्डिंग्स-पोस्टर भी लगाए गए हैं ताकि कर्मचारी इनको पढ़कर थंब मशीन का उपयोग करें। जो अफसर और कर्मचारी थंब नहीं लगाएंगे, उनकी न तो हाजरी जाएगी और न ही तनख्वाह मिलेगी। इसलिए 1 जनवरी से सभी को थंब लगाकर अपनी हाजरी दर्ज करना होगी।
निगम मुख्यालय और जोनल ऑफिस पर बिगड़े ढर्रे को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है। अब अफसर सहित कर्मचारियों को आते और जाते समय थंब लगाना होगा ताकि इनकी कामचोरी बंद हो और बिना बताए गायब होने की आदत सुधरें। निगम में काम के लिए आने वाले लोगों न तो भटकना पड़ेगा और न ही अफसर व कर्मचारी को ढूंढऩा पड़ेगा, क्योंकि हर बार आते-जाते समय थंब मशीन पर अंगूठा लगाना होगा। मुख्यालय के सभी विभागों के बाद 19 जोनल ऑफिस पर यह मशीन लगाई जाएगी। हालांकि निगम ने जब से सफाईकर्मियों की हाजरी थंब मशीन के जरिए लेना शुरू की है, तब से व्यवस्था में सुधार आया है। साथ ही सफाईकर्मी समय से आने-जाने लगे हैं। नतीजतन शहर साफ नजर आने लगा है।
कटेगी पगार
थंब मशीन में बगैर अंगूठा लगाए आने-जाने वालों की पगार कटेगी। जो थंब लगाएगा, उसकी पगार बनेगी और नहीं लगाने वाले की नहीं। इसके साथ ही ऑफिस टाइम के घंटे भी देखे जाएंगे।
थंब मशीन में बगैर अंगूठा लगाए आने-जाने वालों की पगार कटेगी। जो थंब लगाएगा, उसकी पगार बनेगी और नहीं लगाने वाले की नहीं। इसके साथ ही ऑफिस टाइम के घंटे भी देखे जाएंगे।
कामचोर कर्मचारी इस तरह बनाते बहाने
कामचोरी करने और बिना वजह लोगों का काम अटकाने में निगमकर्मियों को महारथ हासिल है। बिना बताए काम पर से गायब होने के बाद पकड़ाने पर कई बहाने तैयार रहते हैं, जिन पर विश्वास करना ही पड़ता है। कई निगमकर्मी काम पर लेट आने और बिना बताए गायब होने पर कोर्ट में तारीख होने, पालिका प्लाजा में लगने वाले दफ्तर जाने, नेहरू पार्क में स्मार्ट सिटी ऑफिस जाने, कलेक्टोरेट जाने, जोनल ऑफिस सहित बड़े साहब के काम से जाने का बताकर बच जाते हैं, क्योंकि निगमकर्मी वाकई में इन जगहों पर गया है कि नहीं कोई चेक नहीं करता।
कामचोरी करने और बिना वजह लोगों का काम अटकाने में निगमकर्मियों को महारथ हासिल है। बिना बताए काम पर से गायब होने के बाद पकड़ाने पर कई बहाने तैयार रहते हैं, जिन पर विश्वास करना ही पड़ता है। कई निगमकर्मी काम पर लेट आने और बिना बताए गायब होने पर कोर्ट में तारीख होने, पालिका प्लाजा में लगने वाले दफ्तर जाने, नेहरू पार्क में स्मार्ट सिटी ऑफिस जाने, कलेक्टोरेट जाने, जोनल ऑफिस सहित बड़े साहब के काम से जाने का बताकर बच जाते हैं, क्योंकि निगमकर्मी वाकई में इन जगहों पर गया है कि नहीं कोई चेक नहीं करता।
दोपहर तक दफ्तर आते
निगम मुख्यालय पर आने का समय सुबह 10.30 बजे है, जबकि कई विभाग के अफसर-कर्मचारी दोपहर 12 बजे तक या फिर दोपहर 1.30 बजे लंच के बाद ही पहुंचते हैं। कई कर्मचारी लंच बाद गायब हो जाते हैं। इन्हें न तो कोई रोकने वाला होता और न ही टोकने वाला। कारण जिनके ऊपर यह जिम्मेदारी है, उनकी भी यही हालत है। जोनल ऑफिस पर तो मुख्यालय से बदतर हालात है। नतीजतन लोगों को अपने काम के लिए भटकना पड़ता है।
निगम मुख्यालय पर आने का समय सुबह 10.30 बजे है, जबकि कई विभाग के अफसर-कर्मचारी दोपहर 12 बजे तक या फिर दोपहर 1.30 बजे लंच के बाद ही पहुंचते हैं। कई कर्मचारी लंच बाद गायब हो जाते हैं। इन्हें न तो कोई रोकने वाला होता और न ही टोकने वाला। कारण जिनके ऊपर यह जिम्मेदारी है, उनकी भी यही हालत है। जोनल ऑफिस पर तो मुख्यालय से बदतर हालात है। नतीजतन लोगों को अपने काम के लिए भटकना पड़ता है।
अब आएंगे पकड़ में
बहाने बनाकर काम पर से गाय३ब रहने वाले कर्मचारी थंब मशीन लगने से पकड़ में आ जाएंगे, क्योंकि उन्हें जब भी ऑफिस छोडऩा होगा तब थंब लगाना होगा। इससे बिना वजह बार-बार गायब होने वाले थंब नहीं लगाएंगे। वजह एक दिन में कई बार थंब लगाने पर सवाल-जवाब होंगे और ऑफिस छोड़कर जाने का कारण भी बताना होगा।
बहाने बनाकर काम पर से गाय३ब रहने वाले कर्मचारी थंब मशीन लगने से पकड़ में आ जाएंगे, क्योंकि उन्हें जब भी ऑफिस छोडऩा होगा तब थंब लगाना होगा। इससे बिना वजह बार-बार गायब होने वाले थंब नहीं लगाएंगे। वजह एक दिन में कई बार थंब लगाने पर सवाल-जवाब होंगे और ऑफिस छोड़कर जाने का कारण भी बताना होगा।
लगी थी पर बिगाड़ दी
निगम अफसर और कर्मचारी समय पर आने के साथ जाएं इसके लिए पूर्व महापौर डॉ. उमाशशि शर्मा के कार्यकाल में मुख्यालय सहित जोनल ऑफिस पर थंब मशीन लगाई गई। थोड़े दिन तक व्यवस्था ठीक चली, लेकिन कामचोर कर्मचारियों ने मशीन खराब करने के लिए नए-नए तरीके निकालना शुरू कर दिए। अंगूठा लगाने के स्थान पर घिसाई कर दी और धीरे-धीरे मशीन खराब होने लगी। इसके बाद व्यवस्था ठप हो गई। इसे फिर से शुरू करने के लिए महापौर कृष्णमुरारी मोघे के कार्यकाल में प्लानिंग की गई, लेकिन इस पर कोई काम नहीं हुआ। अब महापौर मालिनी गौड़ के कार्यकाल के 4 साल गुजरने के बाद थंब मशीन लगाई जा रही है। देखना है कि यह व्यवस्था निगम में लागू रहती है या नहीं। या फिर डॉ. शर्मा के कार्यकाल की तरह नष्ट तो नहीं हो जाएगी।
निगम अफसर और कर्मचारी समय पर आने के साथ जाएं इसके लिए पूर्व महापौर डॉ. उमाशशि शर्मा के कार्यकाल में मुख्यालय सहित जोनल ऑफिस पर थंब मशीन लगाई गई। थोड़े दिन तक व्यवस्था ठीक चली, लेकिन कामचोर कर्मचारियों ने मशीन खराब करने के लिए नए-नए तरीके निकालना शुरू कर दिए। अंगूठा लगाने के स्थान पर घिसाई कर दी और धीरे-धीरे मशीन खराब होने लगी। इसके बाद व्यवस्था ठप हो गई। इसे फिर से शुरू करने के लिए महापौर कृष्णमुरारी मोघे के कार्यकाल में प्लानिंग की गई, लेकिन इस पर कोई काम नहीं हुआ। अब महापौर मालिनी गौड़ के कार्यकाल के 4 साल गुजरने के बाद थंब मशीन लगाई जा रही है। देखना है कि यह व्यवस्था निगम में लागू रहती है या नहीं। या फिर डॉ. शर्मा के कार्यकाल की तरह नष्ट तो नहीं हो जाएगी।