15,000 मीट्रिक टन प्याज संग्रहण का लक्ष्य
नेफेड के अधिकारियों का कहना है, प्याज भंडारण के लिए फरवरी का महीना अहम है। बेहतर भंडारण के लिए मप्र में दो वेयरहाउस विकसित किए हैं। प्रदेश में इस समय 15,000 मीट्रिक टन प्याज विभिन्न उत्पादन केंद्रों में संग्रहित करने का लक्ष्य रखा है। 3000 मीट्रिक टन का वेयर हाउस उज्जैन और 9000 मीट्रिक टन की क्षमता का वेयर हाउस आष्टा में विकसित किया है।गिर सकती हैं कीमतें
नेफेड अधिकारियों का कहना है कि प्याज की आपूर्ति फरवरी मध्य से अंत तक होने की संभावना है। जनवरी अंत तक हाजिर बाजार तक 45,000 टन प्याज पहुंचने की संभावना है। बंपर फसल के साथ प्याज की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिलेगी।इंदौर संभाग में 9 लाख टन प्याज
किसानों द्वारा खेती क्षेत्र के विस्तार और अनुकूल मौसम के कारण इस बार प्याज के अधिक उत्पादन की उम्मीद है। अधिकारियों के अनुसार, किसानों ने 1.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार कर प्याज की बुआई की। इससे उत्पादन लगभग 36 लाख टन होने का अनुमान है। इसमें से इंदौर संभाग में 9 लाख टन से अधिक उत्पादन की संभावना है।थोक बाजार में बुकिंग नहीं
आलू-प्याज मंडी से जुड़े व्यापारियों का कहना है, उत्पादन की संभावना को देखते हुए थोक व्यापारी प्याज की बुकिंग नहीं कर रहे हैं क्योंकि आने वाले हफ्तों में कीमतों में गिरावट की संभावना है। प्याज का उत्पादन और गुणवत्ता दोनों इस मौसम में अच्छे हैं क्योंकि मौसम अनुकूल बना हुआ है।