पिछले महीने इस तरह के एक दर्जन से अधिक मामलों में कोर्ट ने जो फैसले दिए, उनमें आरोपितों की रिहाई ही हुई है। लूट के इन केसों को कोर्ट में सिद्ध करने में पुलिस और उनके पक्ष के वकील नाकाम रहे। संदेह का लाभ पाकर आरोपी बरी हो गए। कुछ मामलों में गवाह तो ठीक, पीडि़त भी बयान से मुकर रहे हैं। साफ है कि ऐसे प्रकरणों में पुलिस की तरफ से कई कमजोर कडिय़ां छोड़ी जा रही हैं, जिनका लाभ आरोपी उठा रहे हैं।
केस-1
केस-1
22 जून 2015 को पूजा सोनी निवासी कलानी नगर ने एरोड्रम थाने (Aerodrum Police Station) में रिपोर्ट की थी कि वह अपनी बेटी को स्कूल से लेकर आ रही थीं। जैन मंदिर (Jain Tample) के पास बाइक सवार उसकी चेन झपट ले गया। मार्च, 2017 में चंदननगर में पकड़े गए लूट के आरोपी सोहेल उर्फ गोल्डी पिता तैय्यब अली निवासी काजी मोहल्ला से पूछताछ की और उससे चेन बरामद की, जिसकी शिनाख्ती भी पूजा से करवाई गई। दोनों तरफ के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि जिस तरह आरोपी के घर से पांच अलग-अलग लूट की वारदातों की चेन 10-10 मिनट के अंतराल से बरामद की गईं, वह कार्रवाई को संदिग्ध बना देता है। दूसरा पुलिस ने बरमादगी पंचनामा का कोई गवाह पेश नहीं किया और तीसरा पूजा ने आरोपी को देखा भी नहीं था और न ही बाइक नंबर। उन्होंने भी आरोपी को पहचानने से इनकार कर दिया, इसलिए गोल्डी को बरी कर दिया गया।
केस-2 9 दिसंबर 2016 को हाथीपाला के लोहा व्यापारी का मुनीम गजेंद्र सुराणा रात 8 बजे दुकान बंद कर घर जा रहा था, तभी राम मंदिर के पास बाइक सवार दो लडक़ों ने उन्हें रोका और चाकू अड़ाकर झोला छीन ले गए, जिसमें साढ़े चार हजार रुपए थे। सेंट्रल कोतवाली पुलिस (Central Kotwali Police Station) ने वारदात की जांच के बाद शादाब पटेल, तौसिफ अंसारी दोनों निवासी साउथतोड़ा (Southtoda) को गिरफ्तार कर लिया और तीसरे साथी मुस्तफा अंसारी निवासी प्रकाश का बगीचा को फरार बताया। दोनों आरोपियों से बाइक, चाकू और रुपए बरामद किए। पुलिस का केस कोर्ट में इस आधार पर गिर गया कि पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार करने के बाद पीडि़त से उनकी शिनाख्त तक नहीं करवाई थी। यहां तक कि लूट में गए सामान जैसे चाबी, बिल आदि की शिनाख्त भी नहीं करवाई गई। कोर्ट ने इसे केस के लिए घातक माना। पुलिस मौके का कोई गवाह भी पेश नहीं कर पाई, जबकि वारदात सार्वजनिक स्थान पर हुई थी। दोनों आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया।
केस-3 19 अप्रेल 2019 को करीब 10 बजे बाइक से अपने घर सागौर जाते हुए वाजिद और उनकी पत्नी को पांच बदमाशों ने रोका। मारपीट कर पर्स व पत्नी के जेवर छीनकर भाग गए। पुलिस देपालपुर (Depalpur Police Station) ने मामले में जांच करते हुए संजय पंवार, रवि भांभर, विष्णु दायमा, जितेंद्र सभी निवासी जिला धार और राजेश जैन निवासी देपालपुर (Depalpur) को गिरफ्तार किया। इनसे माल बरामद कर कोर्ट मेें केस पेश किया। सुनवाई के दौरान पीडि़तों ने ही आरोपितों की पहचान उनसे करवाए जाने से ही इनकार नहीं किया, बल्कि इससे भी इनकार कर दिया कि कोर्ट में खड़े आरोपियों ने ही उन्हें लूटा था। इसके अलावा पुलिस ने जब्ती की कार्रवाई भी विधिवत् और तय मापंदड के अनुसार नहीं की। न ही इसके संबंध में कोई गवाह पेश किए कि जब्त की गईं वस्तुएं आरोपियों से बरामद हुई हैं। यहां भी संदेह का लाभ पाकर सभी बरी हो गए।