दरअसल, जमीन की जालसाजी समेत कई विवादों की फेहरिस्त में शामिल जितेंद्र उर्फ जीतू सोनी के मामले में पुलिस 360 डिग्री जांच में जुटी है। भूमाफिया बॉबी छाबड़ा से जुड़ाव की जांच के साथ पुलिस ने भय्यू महाराज आत्महत्या मामले की फाइल फिल खोली है। इसमें आत्महत्या की गुत्थी सुलझाने में जीतू की भूमिका निकाली जा रही है। पता चला है कि मामले को रफा-दफा करने और पलक-विनायक-शरद की तिकड़ी को खीखंचों के पीछे पहुंचाने में जीतू का हस्तक्षेप था।
जांच शुरू
पुलिस अधिकारी ने कहा कि भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में सवाल पर गहनता से विचार कर रहे हैं कि विनायक-पलक-शरद से पूछताछ के आधार पर ही प्रकरण दर्ज किया गया, जबकि अंत में इन्हीं तीनों को आरोपी बनाते हुए जेल भेजा दया। अब चालान पेश कर कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।
भय्यू महाराज ने की थी खुदकुशी
भय्यू महाराज ने अपनी रिवॉल्वर से सिर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। प्रारंभ में तो आर्थिक परेशानियों के चलते आत्महत्या की लाइन पर जांच की गई। इस दौरान सोनी की भूमिका को लेकर लगातार चर्चा रही। जमीन के मामले में जीतू के हस्तक्षेप से ही भय्यू महाराज को अलग किया गया था। बताते हैं कि भय्यू महाराज और सोनी के बीच व्यावसायिक संबंध थे। दोनों का एक दूसरे से मिलना-जुलना था। प्रेम त्रिकोण में आई लड़की पलक, विनायक और शरद भी जीतू सोनी के संपर्क में थे।
जीतू है फरार
अखबार की आड़ में ब्लैकमेलिंग के आरोपी जीतू सोनी अभी फरार चल रहा है। लेकिन उसके ठिकानों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है। पुलिस ने उसके मकान और होटल को ध्वस्त कर दिया है। इसके साथ ही इंदौर में यह भी चर्चा रही कि महाराष्ट्र में जीतू ने सरेंडर कर दिया है। हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस मुख्यालय ने इसी मामले में इंदौर के एडीजी को हटा दिया है।