कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत शहर में पुलिस ने सीनियर सिटीजन के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए है। इसी के अंर्तगत पुलिस ने उन्हें कार्ड बनाकर दिए है। रोजमर्रा में आने वाली परेशानी में ना केवल सीनियर सिटीजन पुलिस की मदद ले सकते है। साथ ही दवाई, पैथालॉजी व अन्य जगहों पर सीनियर सिटीजन को रियायत मिल रही है। सीनियर सिटीजन की शिकायतों के लिए एक कॉउसलिंग सेंटर भी पुलिस संचालित कर रही है। इसमें परिवार, परिचित या अन्य लोगो के परेशान करने पर उन्हें बुलाकर समझाइश दी जाती है। इसी कड़ी में इंदौर पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे ने बताया कि वर्तमान में पुलिस से करीब 15 हजार सीनियर सिटीजन जुड़े हुए है। अधितकर रिटायर है और कई के तो परिजन भी नौकरी के चलते बाहर रहते है। ऐसे में अधिकतर सीनियर सिटीजन एंकाकी जीवन जीने को मजबूर है। काफी सीनियर सिटीजन अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए कई रचनात्मक कार्य करते है। कोई पेटिंग बनाता है, कोई कविता-कहानी लिखता है। किसी को गाने, गजल लिखने का शौक है। लेकिन उनकी यह रचनात्मकता उन तक ही सीमित थी। इसी के चलते एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करने की योजना थी जहां पर सीनियर सिटीजन की रचनात्मकता को सामने लाया जा सके। पुलिस के लिए इंर्टनशिप कर रहे बीटेक फाइनल वर्ष के छात्र रितेश खत्री निवासी सपना संगीता, मेघना व्यास निवासी खजराना ने एक मोबाइल एप तैयार किया है। इस एप का इस्तेमाल कर सीनियर सिटीजन अपनी रचनात्मकता को सामने ला सकते है।
रितेश खत्री के मुताबिक सीनियर सिटीजन प्ले स्टोर पर प्रिंट माय वल्र्ड नाम से इस एप को सर्च कर सकेंगे। अपने मोबाइल में इसे डाउनलोड कर उन्हें एक बार लॉगिन करना होगा। यहां मौजूद एड बटन पर वे अपनी कविता, कहानी, अपने कोई अनुभव, किसी विषय पर सुझाव लिखकर उसका फोटो एप पर अपलोड करना होगा। इसमें जुड़े अन्य लोग इन्हें पढ़ सकेंगे। एप को इस तरह बनाया गया है ताकि सीनियर सिटीजन इसे बिना किसी परेशानी के इस्तेमाल कर सके।
ये है सीनियर सिटीजन कोर कमेटी में सीनियर सिटीजन कोर कमेटी में रमेश शर्मा, अमरजीत सिंह सूदन, जुगलकिशोर गुर्जर, तरणजीत सिंह छाबड़ा, संतोष यादव, बीड़ी कुशगोतिया शामिल है। वही सीनियर सिटीजन पुलिस परामर्श में शर्मिष्ठा दवे, आरडी यादव, पुरुषोत्तम यादव, सुनिता शर्मा, अश्विन जैन शामिल है।
कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए प्रयास डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र ने बताया कि कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत सीनियर सिटीजन को अधिकतम राहत देने का काम पुलिस कर रही है। जो सीनियर सिटीजन के लिए परिवार के साथ रहने है उनके सामान्य व अकेले रहने वालो के लिए सिल्वर कार्ड बनाए गए है। सिल्वर कार्ड धारको को रोजमर्रा के कामो के अलावा अन्य परेशानी के समय भी कोर कमेटी के लोग घर जाकर मदद करते है। लगातार इसकी मॉनिटरिंग की जाती है।