पुलिस के पास करीब 12 साल पुराने लगभग 900 वायरलेस सेट हैं। उपकरण पुराने होने से परेशानी आती है। पुलिस की सारी गतिविधियां इन्हीं सेट के माध्यम से चलती है। 24 घंटे में कई बार टीमों की लोकेशन इन्हीं सेट के जरिये ली जाती है और जो घटनास्थल के नजदीक होता है, उसे मौके पर भेजा जाता है। वायरलेस सेट से हो रही परेशानी की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी गई थी, जिस पर नए आधुनिक सेट देेने को मंजूरी मिली है। जिस एजेंसी ने ठेका लिया है, वह न्यूजीलैंड के वायरलेस सेट उपलब्ध कराने जा रही है। करीब 2 हजार वायरलेस सेट दो महीने में पुलिस को उपलब्ध हो जाएंगे। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र के मुताबिक, नए सेट मिलने से संचार सुविधा अच्छी होगी। संदेश तुरंत मिलने से रिस्पांस टाइम में और सुधार होने की गुंजाइश बनेगी।
नए सेट में ये खूबियां गश्त के दौरान कई बार अधिकारी व कर्मचारी गलत लोकेशन देते हैं। नए सेट में जीपीएस है, जिससे कंट्रोल रूम को सभी की लोकेशन मिलती रहेगी। – कमिश्नरेट में चार जोन हैं। चारों की संचार लाइन अलग-अलग होगी। वरिष्ठ अफसरों के लिए रेडियो कांफ्रेंस की सुविधा रहेगी।
– बैटरी बैकअप ज्यादा अच्छा है। आकार में छोटे व हल्के हैं। – वायरलेस सेट पर काॅलिंग सुविधा भी होगी। ————- क्यूआर कोड से ले सकेंगे पुलिस की लोकेशन लसूडि़या इलाके में आम जनता के लिए पुलिस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए क्यूआर कोड व्यवस्था जल्द लागू की जाएगी। इसका तकनीकी काम हो गया है। करीब 50 स्थानों पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। यहां बीट के अधिकारी-कर्मचारी को क्यूआर कोड स्कैन करना होगा, जिससे उनकी लोकेशन आ जाएगी। लोगों को भी अगर पुलिस मदद की जरूरत है तो क्यूआर कोड स्कैन करने पर वहां तैनात पुलिसकर्मी का नाम, नंबर मिल जाएगा।