जून माह में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था, जिसे १५ अगस्त तक पूरा किया जाना था, लेकिन बारिश के कारण प्रोजेक्ट लेट हो गया। अगस्त माह में सिस्टम लगा रही कंपनी की लाखों रुपए की सोलर प्लेट भी चोरी हो गई थी। इस मामले में जीआरपी पुलिस अभी तक आरोपी का पता नहीं लगा पाई है। इस मामले में अभी तक जांच ही चल रही है। न ही आवेदक पूरे दस्तावेज उपलब्ध करा पा रहे है और न ही पुलिस जांच आगे बढ़ा पा रही है।
एग्रीमेंट होना बाकी रेल अफसरों के अनुसार प्रोजेक्ट पूरी तरह से तैयार हो चुका है। करीब ७०० सोलर प्लेट प्लेटफॉर्म नंबर पांच और छह की छत पर लगाई गई है। अब सिस्टम तैयार करने वाली कंपनी बिजली कंपनी से एग्रीमेंट कर रही है। एग्रीमेंट होते ही यहां मीटर लग जाएगा और सौर एनर्जी से स्टेशन जगमगाने लगेगा।
३० हजार यूनिट होगी तैयार स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर पांच और छह की इमारत के उपर 250 किलो वॉट का सोलर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। जिससे हर माह औसतन 28 से 30 हजार यूनिट बिजली तैयार होगी। करीब इतनी ही बिजली स्टेशन परिसर में उपयोग में आती है। फिलहाल प्लेटफॉर्म नंबर एक पर 20 किलोवॉट के सोलर पॉवर पैक से हर माह 3 हजार से 3500 यूनिट तक की खपत होती है। इस बिजली का उपयोग वेटिंग हॉल, रिटायरिंग रूम के अलावा अधिकारियों के कार्यालय में उपयोग होता है।