बारिश की वजह से बिगड़ते हालात को देखते हुए निगमायुक्त आशीष सिंह ने निगम के 19 जोनल ऑफिस पर तैनात जोनल अफसर (जेडओ), स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (सीएसआई) और दरोगा सहित उपायुक्त व अपर आयुक्त स्तर के अफसरों को रात 2 बजे से ही अलर्ट कर दिया। साथ ही वे आज सुबह तक सेट पर लगातार स्थिति का जायजा लेते रहे। बावजूद इसके कई अफसर जल जमाव वाले इलाकों में मदद के लिए नहीं पहुंच पाए। बारिश के चलते शहर के नदी-नाले उफान पर आ गए और तालाबों का जलस्तर भी बढ़ गया। साथ ही कई जगह पेड़ गिरने की घटनाएं हुईं। भारी की बारिश की वजह से शहर का हाल बेहाल हो गया और नगर निगम व्यवस्था करने में नाकाम रहा। सवाल यह है कि बारिश रूक-रूक होने की बजाय अगर एक जैसी तेज होती तो शहर के हालात क्या होते?
150 से ज्यादा कॉलोनियां हुईं ज्यादा प्रभावित भारी बारिश की वजह से शहर की 150 से ज्यादा कॉलोनियां प्रभावित हुई हैं, क्योंकि पानी निकासी की व्यवस्था न होने से इन कॉलोनियों की सड़कें जहां तालाब बन गईं वहीं घरों में पानी भर गया। जिन कॉलोनियों में पानी भराया उनमें खजराना, आजाद नगर, चंदन नगर, पंढरीनाथ, जूनी इंदौर, भागीरथपुरा, कुलकर्णी का भट्ठा, बाणगंगा क्षेत्र की कॉलोनियां, पीलिया खाल, मूयर नगर, मूसाखेड़ी, गणेशपुरी कॉलोनी, खजराना, धार रोड और राजेंद्र नगर आदि क्षेत्र हैं। इसके साथ ही बीआरटीएस भी लबालब हो गया। इस कारण वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई।
दो फीट ऊंची सड़क, घरों में पानी कनाडिय़ा गांव से दो किलो मीटर पहले शिव मंदिर चोर बावड़ी रोड को बनाने का कम चल रहा है। यहां पर सीमेंट की रोड बनाई जा रही है जो कि जमीन से तकरीबन दो फीट ऊंची बन रही है। इस वजह से सड़क किनारे लोगों के घरों में पानी भर गया और उनकी पूरी रात पानी निकालने में निकल गई। आज सुबह तक लोग घरों से पानी निकालते रहे। लोगों ने पानी भरने की सूचना क्षेत्र के संबंधित जोनल ऑफिस पर की, लेकिन कोई अफसर मदद के लिए नहीं पहुंचा और लोग ही पानी निकासी के लिए मशक्कत करते रहे। ऐसे ही हालत शहर की कई निचली बस्तियों में भी बने।
बस स्टैण्ड पर यात्री परेशान
बारिश के चलते सरवटे बस स्टैंड, गंगवाल बस स्टैंड, तीन इमली और नौलखा बस स्टैंड आदि में पानी भरने से यात्रियों को परेशानी हुई। मंदिर में भी भर गया पानी…
कान्ह-सरस्वती नदी में पानी बढऩे से किनारे पर बने मंदिरों में पानी भर गया। कान्ह नदी के उफान पर आने से जहां बालाजी मंदिर में पानी भराया, वहीं जूनी इंदौर मुक्तिधाम के सामने बने बंजरगबली मंदिर में भी पानी
भर गया।
बारिश के चलते सरवटे बस स्टैंड, गंगवाल बस स्टैंड, तीन इमली और नौलखा बस स्टैंड आदि में पानी भरने से यात्रियों को परेशानी हुई। मंदिर में भी भर गया पानी…
कान्ह-सरस्वती नदी में पानी बढऩे से किनारे पर बने मंदिरों में पानी भर गया। कान्ह नदी के उफान पर आने से जहां बालाजी मंदिर में पानी भराया, वहीं जूनी इंदौर मुक्तिधाम के सामने बने बंजरगबली मंदिर में भी पानी
भर गया।
तालाबों के हाल
– यशवंत सागर : क्षमता 19 फीट, भरा 19 फीट 2 इंच। बारिश के चलते यहां गेट खोले जा सकते हंै।
– बड़ी बिलावली तालाब : क्षमता 34 फीट, भरा 16 फीट 7 इंच
– छोटी बिलावली तालाब : क्षमता 12 फीट, भरा- खाली
– बड़ा सिरपुर तालाब : क्षमता 16 फीट, भरा- 9 फीट
– छोटा सिरपुर तालाब : क्षमता 13 फीट, भरा- 10 फीट
– पीपल्यापाला तालाब : क्षमता 22 फीट, भरा- 9 फीट
– लिंबोदी तालाब : क्षमता 16 फीट, भरा- 2 फीट 6 इंच
– यशवंत सागर : क्षमता 19 फीट, भरा 19 फीट 2 इंच। बारिश के चलते यहां गेट खोले जा सकते हंै।
– बड़ी बिलावली तालाब : क्षमता 34 फीट, भरा 16 फीट 7 इंच
– छोटी बिलावली तालाब : क्षमता 12 फीट, भरा- खाली
– बड़ा सिरपुर तालाब : क्षमता 16 फीट, भरा- 9 फीट
– छोटा सिरपुर तालाब : क्षमता 13 फीट, भरा- 10 फीट
– पीपल्यापाला तालाब : क्षमता 22 फीट, भरा- 9 फीट
– लिंबोदी तालाब : क्षमता 16 फीट, भरा- 2 फीट 6 इंच
यहां गिरे पेड़
निगम कंट्रोल रूम के अनुसार बारिश के चलते खजराना से बंगाली चौराहा के बीच और बॉम्बे हॉस्पिटल के पास पेड़ गिर गए। इस कारण रास्ता बाधित हुआ। पेड़ गिरने की सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम ने उद्यान विभाग की गैंग को बताया और पेड़ हटाकर रास्ता क्लियर किया गया।
निगम कंट्रोल रूम के अनुसार बारिश के चलते खजराना से बंगाली चौराहा के बीच और बॉम्बे हॉस्पिटल के पास पेड़ गिर गए। इस कारण रास्ता बाधित हुआ। पेड़ गिरने की सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम ने उद्यान विभाग की गैंग को बताया और पेड़ हटाकर रास्ता क्लियर किया गया।
स्टॉर्म वॉटर की सफाई कई मुख्य सड़कों पर पानी भर गया। स्टॉर्म वॉटर लाइन में कचरा और पॉलीथिन होने से यह समस्या हुई। जलजमाव की शिकायत आयुक्त सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने सफाई गैंग को काम पर लगाया और बरसते पानी में स्टॉर्म वॉटर लाइन की सफाई कराई गई।
गड्ढे बने परेशानी बारिश के कारण सड़क के गड्ढे भी परेशानी बने। समय रहते निगम द्वारा इन्हें न भरने पर गड्ढों में बारिश का पानी भर गया। इस कारण वाहन फंसते रहे और कई लोग दुर्घटना का शिकार होते-होते बचे।
पुल के कारण घरों में पानी निर्माणाधीन पीलियाखाल (व्यास पुल) पुल के कारण वार्ड ६ की कई कॉलोनियों में पानी भर गया। इसकी सूचना पर क्षेत्रीय पार्षद दीपक जैन और जोनल अफसर लक्ष्मीकांत वाजपेयी पोकलेन व जेसीबी लेकर समस्या का निराकरण करने पहुंचे। इसके अलावा शहर के जिन वार्डों में जलजमाव की स्थिति बनी, वहां भी पार्षद और अफसर मदद के लिए निकले।
कई इलाकों में गुल हुई बिजली बारिश शुरू होते ही कई कॉलोनियों में बत्ती गुल हो गई। बिजली लाइन और ट्रांसफॉमर फॉल्ट होने से यह समस्या हुई। बिजली गुल होने की शिकायत लोगों ने जब टोल फ्री नंबर 1912 और संबंधित जोनल ऑफिस पर करना चाही, तो जिम्मेदारों ने फोन नहीं उठाए, जबकि बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक आकाश त्रिपाठी ने लोगों की समस्या का निराकरण तत्काल करने के आदेश दिए हंै, लेकिन उनके आदेश को ताक पर रख दिया गया और लोगों की समस्या का कोई निदान नहीं हुआ। कई कॉलोनियों में आज सुबह भी लाइट नहीं आई। शहर में ऐसी 50 से ज्यादा कॉलोनियां हैं।
निगम का अलर्ट शहर में बिगड़ते हालात को संभालने के लिए नगर निगम द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है। निगम द्वारा अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया है कि जलजमाव वाले क्षेत्रों में जाकर मैदानी तौर पर कार्रवाई करें। जहां भी पानी रुक रहा है, वहां निकासी की व्यवस्था करें। महापौर मालिनी गौड़ और आयुक्त सिंह ने अफसरो को अलर्ट करने के साथ निचली व पिछड़ी बस्तियों पर लगातार नजर रखने और आवश्यक संसाधन रखने के साथ लगातार मॉनिटरिंग करने को कहा है। उन क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए, जहां विकास कार्य चल रहे हैं।