कई जिलों ने इंदौर के व्यित के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसको लेकर आदेश जारी किए गए हैं। जहां भी इंदौरी पहुंचे, उन्हें हीन भावना से देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के हिसाब से इंदौर में २३५
कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसमें २३ लोगों की मौत हो चुकी है। ७४ क्षेत्र को कंटेनमेंट किया जा चुका है। यह बढ़ सकता है, योंकि कई इलाकों के मरीजों के सै्पलों की रिपोर्ट नहीं आई है। ये विस्फोट कैसे हो गया, इसको लेकर राज्य से लेकर केंद्र स्तर पर मंथन चल रहा है। कारणों की तलाश की जा रही है।
कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसमें २३ लोगों की मौत हो चुकी है। ७४ क्षेत्र को कंटेनमेंट किया जा चुका है। यह बढ़ सकता है, योंकि कई इलाकों के मरीजों के सै्पलों की रिपोर्ट नहीं आई है। ये विस्फोट कैसे हो गया, इसको लेकर राज्य से लेकर केंद्र स्तर पर मंथन चल रहा है। कारणों की तलाश की जा रही है।
सुबह 7 से 1 ने फंसाया प्रशासन ने शुरुआती दौर में किराना, सजी, दूध और दवा वालों को छूट दे दी थी। सुबह ७ से १ बजे तक निकलने के रास्ते खोल दिए थे। लोगों में लॉकडाउन की सख्ती का अहसास नहीं हुआ। वे खुलेआम घूमते रहे। चोइथराम सजी मंडी में २५ हजार लोग रोज इकट्ठा हो रहे थे, तो दूध डेरियों पर भीड़ जमा हो रही थी। शुरुआती दौर में ही पुलिस प्रशासन सख्त हो जाता तो शायद कोरोना विस्फोट इंदौर में नहीं होता।
मुगालते में रहे युवा देश में सबसे ज्यादा युवाओं की मौत इंदौर में हुई। कोरोना को लेकर सोशल मीडिया में मैसेज चले, जिनमें बताया गया कि सबसे ज्यादा असर बुजुर्ग, बच्चे, हार्ट, शुगर व बीपी के मरीजों को होता है। युवाओं ने खुद को मजबूत मानकर खूब दौड़ लगाई। मास्क भी नहीं पहना। लापरवाही अब भारी पड़ रही है।