एक लाख सीड बॉल्स बनाकर, घर-घर पहुंचाएंगेगोल्ड कॉइन सेवा समिति और माहेश्वरी बंधन ग्रुप ने संयुक्त रूप से सीड बॉल बनाने का कार्य शुरू किया है। ग्रुप के सदस्य अभी तक दस हजार सीड बॉल्स बना चुके हंै और इनका लक्ष्य एक लाख सीड बॉल्स बनाना है। ये सीड बॉल्स सदस्यों ने रालामंडल, बीजासन और खंडवा रोड आदि स्थानों पर डाले हैं। ग्रुप के सदस्य अपनी वर्कशॉप में लोगों को सलाह देते हैं कि जहां भी चार बाय चार की खाली जगह, जहां पेड़ बनने और ठहरने की संभावना हो सीड बॉल्स डाल देने चाहिए। ग्रुप ने बांस, करंज, बबूल और सीताफल के जंगली बीजों के सीड बॉल तैयार किए हैं क्योंकि यह कम देखरेख में जल्दी उग जाते हंै। सदस्यों द्वारा एक व्यक्ति को पांच सीड बॉल नि:शुल्क दी जाती है।पिकनिक और ट्रेवलिंग में रखते हैं साथ स्कीम नंबर 94 के गार्डन में अविशा अवस्थी ने एक ग्रुप के साथ सीड बॉल मेकिंग की वर्कशॉप ऑर्गेनाइज की। इसमें 60 से अधिक इंटीरियर डिजाइनर्स और आर्किटेक्ट्स ने हिस्सा लिया। ग्रुप के प्रेसीडेंट परेश कापड़े ने बताया कि इस वर्कशॉप में तीन हजार से अधिक बॉल्स बनाए गए और 50 पौधे भी रोपित किए गए। ये बॉल्स शहर के आउटर हिस्सों में फेंक रहे हैं। इसके साथ ही ग्रुप के मेंबर्स अपने फैमिली पिकनिक और ट्रेवलिंग में भी ये बॉल्स अपने साथ रखते है और जहां उपयुक्त स्थान मिलता है डाल देते हैं।ट्रेंचिंग ग्राउंड में हरियाली की तैयारीआर्ट ऑफ लिविंग की ओर से भी वर्कशॉप आयोजित की गई जिसमें एक हजार सीड बॉल्स बनाए गए। ग्रुप के लीडर डॉ. संग्राम सिंह और आदित्य राजानी ने बताया कि इन्हें चोरल नदी और भेरू घाट में फेंका जा रहा है। इसके अलावा ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 500 से अधिक पौधे और शहर की अन्य कॉलोनियों में भी पौधे रोपित किए जाएंगे। एक हजार से अधिक पौधे लगाने और पांच हजार सीड बॉल बनाने का लक्ष्य तय किया है।[typography_font:14pt;” >इंदौर. बारिश की पहली बौछार ने न सिर्फ तपती गर्मी से राहत दी है बल्कि शहरवासियों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक कर दिया है। लोगों में पौधरोपण को लेकर उत्साह पहली बारिश के बाद से ही देखने को मिल रहा है। कई लोगों ने तो मानसून से पहले भी इसकी तैयारी कर रखी थी। ये पर्यावरण के प्रति इंदौरियंस का लगाव है कि कॉरपोरेट, प्रोफेशनल्स, सामाजिक संगठन और स्कूल के बच्चे भी अपने कर्तव्य को समझ रहे हैं। शहर की कॉलोनियों, ऑफिस और स्कूलों में सीड बॉल्स बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे ही संगठनों के बारे में जो पौधरोपण की ओर कदम बढ़ा चुके हैं। इसके साथ ही आप भी ये जानिए की किस तरह आप अपने घर में आसानी से सीड बॉल्स तैयार कर सकते हैं।बच्चों ने भी ली जिम्मेदारीएक निजी स्कूल में पर्यावरणविद् डॉ. राम ने बच्चों को सीड बॉल बनाने का प्रशिक्षण दिया। डॉ.महेश पाटीदार ने बताया, बच्चों ने आम, जामुन, चीकू, सीताफल आदि के फ्रू्ट्स के पांच हजार से अधिक सीड बॉल बनाए। बच्चों ने कॉलोनी के गार्डन एरिया और शहर के आउटर में इन सीड बॉल्स को रोपित करना तय किया है।