तालाबों के सीमांकन से बच रहा प्रशासन, घटता जा रहा दायरा
इंदौर शहर के भूमिगत जलापूॢत के मुख्य साधन शहर के तालाब लगातार बदहाली और कब्जे के शिकार हो रहे हैं, जिसके लिए काफी हद तक जिला प्रशासन भी जिम्मेदार है। सीमांकन नहीं करने से तालाबों की जमीन लगातार कम होती जा रही है।
तालाबों की जमीन सूखने के दौरान उस पर कब्जे की शिकायतें बढ़ जाती हैं। शहर के तालाबों की सैकड़ों एकड़ जमीन पर दूसरों के कब्जे हैं। नगर निगम जलकार्य समिति के प्रभारी बलराम वर्मा ने 5 नवंबर २०१५ को कलेक्टर को पत्र लिख इंदौर के 18 बड़े तालाबों का सीमांकन करने का निवेदन किया था, ताकि तालाबों को विकसित करने की योजनाएं बना सकें। इसके बाद तालाबों के सीमांकन के लिए 10 नवंबर को जिला प्रशासन से आदेश जारी हुआ, जिसमें १८ टीमें बनाकर भू अभिलेख के अधिकारियों को शामिल किया गया, लेकिन इसकी जांच रिपोर्ट आज तक नगर निगम को नहीं मिल पाई है।
इंदौर शहर के भूमिगत जलापूॢत के मुख्य साधन शहर के तालाब लगातार बदहाली और कब्जे के शिकार हो रहे हैं, जिसके लिए काफी हद तक जिला प्रशासन भी जिम्मेदार है। सीमांकन नहीं करने से तालाबों की जमीन लगातार कम होती जा रही है।
तालाबों की जमीन सूखने के दौरान उस पर कब्जे की शिकायतें बढ़ जाती हैं। शहर के तालाबों की सैकड़ों एकड़ जमीन पर दूसरों के कब्जे हैं। नगर निगम जलकार्य समिति के प्रभारी बलराम वर्मा ने 5 नवंबर २०१५ को कलेक्टर को पत्र लिख इंदौर के 18 बड़े तालाबों का सीमांकन करने का निवेदन किया था, ताकि तालाबों को विकसित करने की योजनाएं बना सकें। इसके बाद तालाबों के सीमांकन के लिए 10 नवंबर को जिला प्रशासन से आदेश जारी हुआ, जिसमें १८ टीमें बनाकर भू अभिलेख के अधिकारियों को शामिल किया गया, लेकिन इसकी जांच रिपोर्ट आज तक नगर निगम को नहीं मिल पाई है।