बदहाल है बस स्टैंड
स्मार्ट सिटी के नाम पर निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन बदहाल बस स्टैंड पर ध्यान नहीं है। मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। ठीक से काम न होने पर पैसा बर्बाद हो जाता है। बस स्टैंड की मरम्मत करने के बजाय तोडक़र नए सिरे से बनाने की जरूरत है, क्योंकि पूरा भवन जर्जर हालत में है। गंदगी भी फैली रहती है। यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं है।
अधूरे हैं काम
बस स्टैंड के गेट पर दुकान और प्याऊ हटाकर लेफ्ट टर्न व्यवस्थित कर दिया गया, लेकिन बाकी काम अधूरे हैं।
रैन बसेरे का काम शुरू
सरवटे बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे की हालत भी खराब है। इसे सुधारने के लिए निगम ने काम शुरू कर दिया है। बस स्टैंड की दूसरी मंजिल पर चलने वाले रैन बसेरे और राम रोटी हॉल की मरम्मत के साथ रंग-रोगन किया जा रहा है, लेकिन काम धीमी गति से हो रहा है। रैन बसेरे में ठहरने वालों को काफी परेशानी होती है। सरवटे के साथ गंगवाल बस स्टैंड की हालत भी सुधारी जा रही है।
स्मार्ट सिटी के नाम पर निगम करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन बदहाल बस स्टैंड पर ध्यान नहीं है। मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए जाते हैं। ठीक से काम न होने पर पैसा बर्बाद हो जाता है। बस स्टैंड की मरम्मत करने के बजाय तोडक़र नए सिरे से बनाने की जरूरत है, क्योंकि पूरा भवन जर्जर हालत में है। गंदगी भी फैली रहती है। यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं है।
अधूरे हैं काम
बस स्टैंड के गेट पर दुकान और प्याऊ हटाकर लेफ्ट टर्न व्यवस्थित कर दिया गया, लेकिन बाकी काम अधूरे हैं।
रैन बसेरे का काम शुरू
सरवटे बस स्टैंड स्थित रैन बसेरे की हालत भी खराब है। इसे सुधारने के लिए निगम ने काम शुरू कर दिया है। बस स्टैंड की दूसरी मंजिल पर चलने वाले रैन बसेरे और राम रोटी हॉल की मरम्मत के साथ रंग-रोगन किया जा रहा है, लेकिन काम धीमी गति से हो रहा है। रैन बसेरे में ठहरने वालों को काफी परेशानी होती है। सरवटे के साथ गंगवाल बस स्टैंड की हालत भी सुधारी जा रही है।