तो चलिए देखते हैं भारत में किन शहरों के नाम बदले गए हैं – 1. बड़ौदा – वडोदरा 2. त्रिवेन्द्रम – तिरुवनंतपुरम 3. बॉम्बे – मुंबई 4. मद्रास – चेन्नई
5. कोचीन – कोच्चि 6. कलकत्ता – कोलकाता 7. पौंडिचेरी – पुड्डुचेरी 8. कॉनपोर – कानपुर 9. बेलगाम – बेलगावि 10. इंदूर – इंदौर 11. पंजीम – पणजी
12. पूना – पुणे 13. सिमला – शिमला 14. बेनारस – वाराणसी 15. वाल्टेयर – विशाखापत्तनम 16. तंजौर – तंजावुर 17. जब्बलपोर – जबलपुर 18. कालीकट – कोझिकोडे
19. गौहाटी – गुवाहाटी 20. मैसूर – मैसूरू 21. अल्लेपे – अलप्पूझा 22. मैंगलोर – मंगलुरु 23. बैंगलोर – बंगलुरु 24. गुडग़ांव – गुरुग्राम 25. मेवात – नूह
स्थानीय आंदोलन ही रहे आधार
शहरों के नाम बदलने के पीछे अधिकांश जगहों पर स्थानीय आंदोलनों का ही बड़ा हाथ रहा है। बात चाहे मुंबई की हो या फिर गुडग़ांव की। शहरों के नाम बदलने में स्थानीय आंदोलनों का बड़ा हाथ होता है।
इसके पीछे कुछ तकनीकी वजहें भी फंसती हैं जिसकी वजह से सरकार कोशिश करती है कि ऐसा न हो पर अधिकांश मामलों में सरकार को जनता की इच्छा के आगे झुकना ही पड़ता है।
शहरों के नाम बदलने के पीछे अधिकांश जगहों पर स्थानीय आंदोलनों का ही बड़ा हाथ रहा है। बात चाहे मुंबई की हो या फिर गुडग़ांव की। शहरों के नाम बदलने में स्थानीय आंदोलनों का बड़ा हाथ होता है।
इसके पीछे कुछ तकनीकी वजहें भी फंसती हैं जिसकी वजह से सरकार कोशिश करती है कि ऐसा न हो पर अधिकांश मामलों में सरकार को जनता की इच्छा के आगे झुकना ही पड़ता है।
कैसे बदला इंदौर का नाम
इंदौर में होलकरों का शासन रहा और उनके समय इंदौर को इंदूर के नाम से जाना जाता था। होलकरों ने देश के अनेक हिस्सों में विकास के कार्य किए और वे जहां भी गए उनके शिलालेखों पर इंदौर को इंदूर के नाम से सम्मान दिया गया। होलकरों ने इंदौर में लंबे समय तक शासन किया और उन्होंने देशभर में इंदौर को पहचान दिलाई। होलकरों के शासन के समय ही अंग्रेज आ चुके थे और उन्होंने इंदूर को इंदौर कर दिया। इसके बाद से इसे इंदौर के रूप में ही जाना जाने लगा और देशभर में इसकी पहचान इंदौर के रूप में बन गई।
इंदौर में होलकरों का शासन रहा और उनके समय इंदौर को इंदूर के नाम से जाना जाता था। होलकरों ने देश के अनेक हिस्सों में विकास के कार्य किए और वे जहां भी गए उनके शिलालेखों पर इंदौर को इंदूर के नाम से सम्मान दिया गया। होलकरों ने इंदौर में लंबे समय तक शासन किया और उन्होंने देशभर में इंदौर को पहचान दिलाई। होलकरों के शासन के समय ही अंग्रेज आ चुके थे और उन्होंने इंदूर को इंदौर कर दिया। इसके बाद से इसे इंदौर के रूप में ही जाना जाने लगा और देशभर में इसकी पहचान इंदौर के रूप में बन गई।