चार जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस के आंकड़ों के बाद पता चला
इंदौर. भारी वाहन चलाने में इंदौर की महिलाएं सबसे आगे हैं, जबकि भोपाल और जबलपुर से भी ग्वालियर पीछे है। इसी का नतीजा है कि पांच साल में ग्वालियर की सिर्फ 29 महिलाओं ने ही हैवी लाइसेंस बनवाएं हैं। पिछले पांच साल में इंदौर में सबसे ज्यादा 528 और भोपाल में 303 महिलाओं ने हैवी लाइसेंस बनवाएं। हालांकि महिलाओं के लिए हैवी व्हीकल चलाने के लिए परिवहन विभाग ने एक माह का नि: शुल्क शिविर भी आयोजित किया था, लेकिन उसके बाद महिलाओं में रूचि नहीं दिखाई दी। जबकि लाइट मोटर व्हीकल के करीब 22 हजार से अधिक लाइसेंस क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने जारी किए हैं।
कोरोना काल में बने सबसे ज्यादा हैवी लाइसेंस कोरोना संक्र्रमण के दौरान सबसे ज्यादा 11 हैवी लाइसेंस आरटीओ से जारी किए गए। क्योंकि कोरोना संक्र्रमण के दौरान कई परिवार के लोगों की नौकरी गई और इस दौरान परिवार की महिलाएं नौकरी करने के उद्देश्य को लेकर घर से बाहर निकली। इसलिए सबसे ज्यादा 11 महिलाओं ने हैवी लाइसेंस बनवाएं।
आंकड़ो की बात करें तो इंदौर में साल 17-18 में 7239 लाइट 163 हैवी लाइसेंस बने, साल 2018-19 में 7847 लाइट 131 हैवी लाइसेंस बने, साल 2019-20 में 8930 लाइट 62 हैवी लाइसेंस बने, साल 2020-21 में 5453 लाइट 93 हैवी लाइसेंस बने, साल 2021-22 में 4032 लाइट और 79 हैवी लाइसेंस बनाए गए।
ग्वालियर में साल 2017-18 में 1778 लाइट और 07 हैवी लाइसेंस बने, साल 2018-19 में 1787 लाइट 05 हैवी हैवी लाइसेंस बने, साल 2019-20 में 6648 लाइट 11 हैवी लाइसेंस बने, साल 2020-21 में 7474 लाइट और 03 हैवी लाइसेंस बने, साल 2021-22 में 5150 लाइट और 3 हैवी लाइसेंस बने।
भोपाल में साल 2017-18 में 10,214 लाइट 75 हैवी लाइसेंस बने, साल 2018-19 में 19,216 लाइट 43 हैवी लाइसेंस बने, साल 2019-20 में 11,879 लाइट 88 हैवी लाइसेंस बने, साल 2020-21 में 8688 लाइट 56 हैवी लाइसेंस, साल 2021-22 में 1583 लाइट 41 हैवी लाइसेंस बने बने है।
जबलपुर में साल 2017-18 में 5996 लाइट 42 हैवी लाइसेंस, साल 2018-19 में 5829 लाइट 18 हैवी लाइसेंस, साल 2019-20 में 7830 लाइट 19 हैवी लाइसेंस, साल 2020-21 में 8220 लाइट 28 हैवी लाइसेंस, साल 2021-22 7414 लाइट 15 हैवी लाइसेंस बने हैं।