शहर में इस वक्त फुटबॉल के 18 क्लब चल रहे हैं। नेहरू स्टेडियम, चिमनबाग, दशहरा मैदान, डीएवीवी यूटीडी परिसर खंडवा रोड, महेश गार्ड लाइन, आइटीआई मैदान, मल्हार आश्रम आदि खेल मैदानों पर क्लब संचालित हैं। फुटबॉल कोच राकेश सिलसिया ने बताया कि पहले की तुलना में क्रेज बढ़ा है।
शहर में नेहरू क्लब, एलआइजी कॉलोनी, टेलीफोन नगर, विजयनगर, जनता क्वार्टर, बैकुंठधाम, अन्नपूर्णा नगर, अटल खेल परिसर सहित 13 क्लब में 700 बच्चे ताइक्वांडे, मार्शल आर्ट, कराते सीख रहे हैं। कराते कोच मोनालिसा यादव ने बताया कि सीखने वालों में सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की रहती है।
खेल-युवा कल्याण विभाग भी सक्रिय
समर कैंप्स में इस बार खेल एवं युवा कल्याण विभाग भी बेहद सक्रिय है। शहर के 29 कैंप्स में 26 खेलों में आयोजकों के साथ वह सहयोगी की भूमिका निभा रहा है। सरकारी विभाग के जुडऩे से युवाओं में भी इन कैंप्स को लेकर विश्वास बढ़ा है, जिससे इनकी सहभागिता की संख्या भी बढ़ रही है। खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी जोसेफ बाक्सला ने बताया कि समर कैंप ही खेलों में प्रवेश की प्रथम सीढ़ी होते हैं। इसी में खिलाड़ी भी अपने आपको पहचानते हैं। उनकी रुचि बढ़ती है। पिछले साल 6 हजार स्टूडेंट्स को लाभान्वित किया था। इस साल 7 हजार बच्चों को फायदा पहुंचाना लक्ष्य है।
लीग गेम्स ने बढ़ाया यंगस्टर्स में क्रेज
बास्केटबॉल कोच संजय डावर ने बताया कि पहले अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय सहित अन्य बड़े खेल आयोजनों के लिए टीम का हिस्सा बनने के लिए युवा खिलाडिय़ों को कम अवसर मिल पाते थे। इसलिए वे खुद को बेहतर साबित नहीं कर पातेे, लेकिन लीग जैसे खेल आयोजनों में न केवल खासी कमाई हो रही है। टेबल टेनिस कोच गगनसिंह चंद्रावत ने बताया कि खिलाडिय़ों को अपना प्रदर्शन दिखाने और अनुभव लेने का एक प्लेटफॉर्म मिल रहा है। अब कोई स्पोट्र्स छोटा या बड़ा नहीं है। सभी में समान अवसर मिल रहे है। क्रिकेट को छोड़ युवा अन्य खेलों में भी अब रूचि दिखा रहे है। जिसका असर इन खेलों के विकास में हो रहा है।