वैसे तो इंदौर में बड़े पैमाने पर सब्जियां आती हैं, जिसकी नियमित खपत भी है। ये सब्जियां रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं के दम पर तैयार होती हंै, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हंै। इस बीच केसरबाग रेलवे क्रॉसिंग स्थित अहिल्या गोशाला, विजय नगर स्कीम-७८ और बीसीएम हाइट्स, तुलसी नगर में ऐसे स्टॉल खोले गए हैं, जो गैर रासायनिक खादों का उपयोग कर तैयार हुई सब्जियों की बिक्री कर रहे हैं। ये झाबुआ से आ रही हंै। बुधवार और रविवार को ये स्टॉल खुलते हंै।
नियमित हो गए ग्राहक अभी स्थिति यह है कि स्टॉल खुलने के तीन-चार घंटे के अंतराल में ही सारा माल बिक जाता है। कई लोग नियमित ग्राहक हो गए हैं, जो तीन दिन की इकट्ठी सब्जी ले लेते हैं। ये सब्जियां बाजार में मिलने वाली रासायनिक खाद वाली सब्जियों से महंगी भी हैं, लेकिन इससे बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।
40 किसानों को ट्रेनिंग शिव गंगा अभियान के कार्यकर्ता लंबे समय से आदिवासी उत्थान के लिए काम कर रहे हंै। इसी योजना में ४० किसानों को जैविक सब्जियों की खेती करना सिखाया गया। ये उनका पहला साल है, जिसकी सब्जियों को बाजार में उपलब्ध कराने का काम भी संस्था के कार्यकर्ताओं ने किया। प्रयास हो रहा है कि अच्छी कीमत दिलाई जाए, ताकि आदिवासी किसान को भी प्रोत्साहन मिले। ऐसा माना जा रहा है कि उनकी सफलता के बाद कई किसान जैविक खेती करने लगेंगे।
शुरू होगी घर पहुंच सेवा जैविक सब्जियों की आवक कम है। इस वजह से तीन जगहों पर वर्तमान में स्टॉल लगाया जा रहा है। संस्था के नितिन सराफ के मुताबिक भविष्य में किसानों की संख्या बढऩे पर सब्जियों कीआवक भी अधिक होगी। उस समय संस्था घर पहुंच सेवा भी देगी। वर्तमान में आवक कम होने की वजह से इसको लागू नहीं किया जा सका।