इंदौर

बेगुनाह को फंसाया, एसआई पर कार्रवाई

– सालभर पहले चाकू के साथ पकड़ा था एक व्यक्ति को- कोर्ट में पूरा केस ही साबित हुआ फर्जी और बनावटी

इंदौरJul 11, 2019 / 11:15 am

Pawan Rathore

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इंदौर।
25 आम्र्स एक्ट यानी हथियारों के साथ बदमाशों को पकडऩे के ज्यादातर केस पुलिस फर्जी ही बनाती है। दो दिन पहले कोर्ट में हुए एक फैसले से तो यही साबित होता है। इस मामले में साफ हो गया कि पुलिस ने एक बेगुनाह शख्स को पकडक़र चाकू रखने का केस बनाया था। कोर्ट ने आरोपी को तो बेगुनाह कहा ही साथ ही केस बनाने वाले एसआई के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया।
तकरीबन एक साल पहले यानी सितंबर, 2018 में संयोगितागंज थाने के एसआई अक्षय खडिय़ा ने नवलखा बस स्टैंड से तुषार पिता शिरीषचंद्र को पकड़ा और उसके पास से चाकू बरामद कर अवैध हथियार रखने का केस दर्ज किया। मामले में नवंबर, 2018 को कोर्ट में चालान पेश किया गया। सुनवाई में साबित हो गया कि पूरा केस ही झूठा है और बेकसूर व्यक्ति को पकडक़र उस पर जबरन 25 आम्र्स एक्ट का केस लाद दिया गया। इसके चलते कोर्ट ने शिरीष को बरी करने का आदेश दे दिया।
साथ ही यह भी कहा कि प्रकरण में एसआई खडिय़ा ने अपराध की परिधि में न आने वाले प्रकरण में आरोपित को गिरफ्तार कर केस दर्ज किया और चालान पेश किया। इसके चलते आरोपित को पकड़ जाने की तारीख से जेल में रहना पड़ा। कोर्ट ने इसे एसआई खडिय़ा की घोर लापरवाही माना और आदेश की कॉपी डीआईजी इंदौर को भेजकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की।
एक झटके में केस साबित हुआ झूठा
अव्वल दर्जे की लापरवाही

साफ है कि एसआई ने बस स्टैंड से एक व्यक्ति को उठाया, उस पर आम्र्स एक्ट का केस बनाया, मन से चाकू की लंबाई-चौड़ाई लिखकर पंचनामा बनवाकर थाने के आदतन गवाहों से दस्तखत करवा लिए। जो भी चाकू हाथ आया, उसे कोर्ट में पेश कर दिया।

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