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8 वीं पास युवक अमरीकियों से ठग रहा था हर महीने एक करोड़

locationइंदौरPublished: Jun 11, 2019 11:17:11 pm

साथियों के साथ मिलकर खोल रखे थे दो कॉल सेंटर, ड्रग्स व मनी लाड्रिंग में शामिल होने का झांसा देकर आधुनिक तकनीक के जरिए अमरीकियों से करते थे ठगी, 19 युवतियों सहित 78 गिरफ्तार

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8 वीं पास युवक अमरीकियों से ठग रहा था हर महीने एक करोड़

इंदौर। अमरीकी लोगों को ड्रग्स डीलिंग व मनी लाड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाकर वहां के सोशल सिक्यूरिटी व एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के नाम से सोशल सिक्यूरिटी नंबर ब्लॉक करने का झांसा देकर ठगी करने वाले दो कॉल सेंटर साइबर सेल की टीम ने पकड़े। भारत में जिस तरह आधार नंबर है उस तरह अमरीका में सोशल सिक्यूरिटी नंबर होता है। यहां से 19 युवतियों से 78 आरोपियों को पकड़ा गया। कॉल सेंटर का मुख्य संचालक 8वीं पास युवक है, उसने साथियों के साथ मिलकर दो कॉल सेंटर खोले और अमरीकियों को झांसा देकर हर महीने करीब एक करोड़ रुपए कमा रहा था। अमरीका से ठगी की राशि हवाला के जरिए यहां पहुंचने की बात भी सामने आई है।
साइबर सेल की टीम को कॉल सेंटर के जरिए अमरीका के लोगों को झूठे आरोप में फंसाकर उनका सोशल सिक्यूरिटी नंबर ब्लॉक करने का झांसा देकर ठगी करने के संबंध में मुखबिर से सूचना मिली थी। स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा के मुताबिक, एसपी जितेंद्रसिंह की टीम ने छानबीन की तो पता चला कि बीआरटीएस पर स्कीम न. 54 की दो बिल्डिंग में कॉल सेंटर गोपनीय ढंग से चल रहे है। दोनों कॉल सेंटर पर किसी तरह का बोर्ड नहीं है, शटर भी अधिकांश समय बंद रहता है और अंदर अंधेरा नजर आता है। सूचना पुख्ता होने के बाद सोमवार रात साइबर सेल के एक टीआई, पांच एसआई के नेतृत्व में करीब 15 पुलिसकर्मियों की टीम ने कॉल सेंटर पर छापा मारा। यहां 19 युवतियों सहित 80 लोग मिले। एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, जांच करने पर पता चला कि दो युवक सिक्यूरिटी गार्ड है जो बाहर तैनात रहते थे। दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
8वीं पास आरोपी है फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड
एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, धोखाधड़ी व आइटी एक्ट की धाराओं में 78 आरोपियों को गिरफ्तार किया। कॉल सेंटर का संचालन करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले
जावेद (28) पिता रफीख मेनन निवासी हिल पार्क रेसीडेंसी अहमदाबाद, भाविल प्रजापति (29) पिता अमृत भाई निवासी माउंट आबू राजस्थान व शाहरुख पिता जिक्करभाई मेनन (25) निवाली अहमदाबाद को रिमांड पर लिया है। जावेद का मुख्य साथी राहिल व सन्नी चौहान निवासी अहमदाबाद फरार है। सन्नी के बारे में पता चला कि वह यहां से अहमदाबाद और फिर अमरीका जा चुका है। आरोपी जावद के संबंध में पता चला कि वह आठवीं पास है और मास्टर माइंड है। वह पहले मुंबई आदि स्थानों पर इस तरह के कॉल सेंटर पर काम कर चुका है।
विजिलेंस एजेंसी के नाम पर भेजते मैसेज, फिर धमकाकर करते वसूली
साइबर सेल ने जिन आरोपियों को पकड़ा वे अधिकांश नागालैंड, मेघालय, मुंबई, अहमदाबाद और पंजाब के रहने वाले है। इन्हें जावेद व राहिल ने यहां लाकर पिनेकल ड्रीम्स व श्रीराम पैलेस कॉलोनी में कमरे दिला रखे है। $कॉल करने वाले को 22 हजार रुपए महीना वेतन मिलता था। साथ ही भोजन, रहना फ्री। इसके अलावा ठगी के एक ड़ॉलर की कमाई होने पर 1 रुपए का इंसेट्व्हि भी मिलता था। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों के पास करीब 10 लाख अमरीकियों का डाटा बैस उपलब्ध है। पहले वे वेबसाइट से डाटा बैस मिलने की बात कह रहे थे लेकिन बाद में पता चला कि कुछ वैंडरों के जरिए नंबर हासिल किए। नंबरों पर अमरीका की सोशल सिक्यूरिटी एंड एंडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (विजिलेंस एजेंसी) के नाम से सोशल मीडिया के जरिए मैसेज भेजते। अमरीकी एसेंट्स में यह मैसेज होता जिसमें कहा जाता कि संबंधित व्यक्ति की ड्रग डिलिंग, ट्रैफकिंग व मनी लाड्रिंग में लिप्तता सामने आई है। सोशल सिक्यूरिटी नंबर बंद किया जा सकता है। हेल्प लाइन नंबर पर फोन करें। मैसेज में एक हेल्पलाइन नंबर रहता था।
कमाई से खोल लिया एक पब
जावेद से पूछताछ में पता चला कि उनकी रोज की आय करीब 3000 हजार से 5000 हजार डॉलर होती थी, यानी महीने का टर्न ओवर करीब एक करोड़ से अधिक। खर्च निकालने के बाद इनके पास करीब 50 लाख रुपए बच जाते थे। आरोपियों ने कमाई के जरिए संपत्ति खरीदी। इंदौर में किसी के साथ पार्टनरशिप में पब खोलने की बात भी सामने आई है जिसके संबंध में पूछताछ की जा रही है। आरोपियों के आफिस से 60 कम्प्यूटर, 70 मोबाइल, विभिन्न गजेंट्स, 5 लाख डाटाबैस जब्त हुआ है। आरोपियों ने 35 हजार महीना किराए पर भवन लिया था।

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