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14 रुपए में खरीदते थे एक अमरीकी का डाटा, साफ्टवेयर से वाइस मैसेज भेजकर फंसाते थे जाल में

locationइंदौरPublished: Jun 13, 2019 12:04:50 pm

अंतरराष्ट्रीय ठगी का मामला: एफबीआइ को भेजेंगे ठगाए लोगों की सूची, फर्जी कंपनी के नाम से खोला कॉल सेंटर, कर्मचारी के नाम से कराया किराए का एग्रीमेंट

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14 रुपए में खरीदते थे एक अमरीकी का डाटा, साफ्टवेयर से वाइस मैसेज भेजकर फंसाते थे जाल में

इंदौर. कॉल सेंटर के जरिए अमरीका के लोगों से ठगी के मामले में रिमांड पर चल रहे आरोपियों के घरों पर जांच कर पुलिस ने कुछ दस्तावेज व अन्य सामान जब्त किए। यह पता चला है कि ठगी के लिए आरोपी 12 से 14 रुपए खर्च कर एक अमरीकी नागरिक का पूरा डाटा हासिल करते और फिर विशेष साफ्टवेयर के जरिए उसे वाइस मैसेज भेजकर कार्रवाई का झांसा देते थे। पुलिस को ठगाए अमरीकियों की लिस्ट मिली है जिसे अमरीकी एफबीआई को सौंपा जा रहा है।
साइबर सेल ने पूयी फोर की दो बिल्डिगों में चल रहे कॉल सेंटर पर छापा मारकर 78 आरोपियों को पकड़ा था जिसमें 19 युवतियां भी शामिल थी। मुख्य आरोपी जावेद, शाहरुख व भाविल को रिमांड पर लिया है। इस गिरोह में जावेद के साथ राहिल शामिल था। एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक, राहिल ही ठगी के लिए अमरीका के लोगों का डाटा उपलब्ध कराता और ठगी के जरिए जो राशि मिलती उसका मैनटेंनेंस देखता था। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने कॉल सेंटर खोलने के लिए फर्जी नाम से एक बीपीओ कंपनी भी बनाई थी। कंपनी का दूरसंचार विभाग से रजिस्ट्रेशन होना चाहिए लेकिन वह नहीं कराया था। यह कंपनी लीड जेक इनफोकॉम के नाम से बनी थी। यह कंपनी मुंबई निवासी विपिन उपाध्याय के नाम है। जावेद ने कॉल सेंटर खोलने के लिए विपिन के नाम से ही भवन मालिक से एग्रीमेंट किया था और विपिन को इसके एवज में हर महीने 40 हजार का भुगतान होता था। दूसरा कॉल सेंटर राहिल ने खोला लेकिन उसने अपने कर्मचारी अब्बास के नाम से किराए का एग्रीमेंट करा रखा था। आरोपियों ने जहां कमरे किराए से लिए उनके मालिकों को भी नोटिस देकर पूछा जा रहा है कि उन्होंने वेरिफिकेशन कराया या नहीं? अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया जा सकता है। एसपी के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि अमरीकी के कई लोग वहां के नागरिकों का डाटा बेच देते है जिससे आरोपियों को सोशल सिक्यूरिटी नंबर के साथ ही कांटेक्ट नंबर भी मिल जाता था। एक व्यक्ति का आनलाइन डाटा 12 से 14 रुपए में मिलता था। डाटा कौन देता था इसकी जानकारी ले रहे है। ड्रग्स डिलींग, मनी लाड्रिंग में फंसने की धमकी देकर बचने के लिए पैसा मांगा जाता, कई बार पैसा एप्लीकेशन, ई वालेट के जरिए भी आरोपियों तक पहुंच जाता था।
घरों की हुई सर्चिंग
निरीक्षक राशिद अहमद, एसआई आमोद राठौर की टीम आरोपी जावेद, शाहरुख व आविल को लेकर श्रीराम एन्क्लेव स्थित उनके निवास पर लेकर पहुंची और छानबीन की। यहां के कई दस्तावेज, लेन-देन का हिसाब व अन्य सामान जब्त हुआ है जिसकी जांच चल रही है।
जन्मदिन का केक कटवाया फिर किया गिरफ्तार
पुलिस टीम ने सोमवार रात कॉल सेंटर पर छापा मारा था। छापे के दौरान अन्य कर्मचारी तो मिल गए लेकिन मुख्य जावेद नहीं मिला। बाद में पता चला कि वह कर्मचारी निश्चल दास का जन्मदिन होने पर केक लेने गया। पुलिस टीम ने उसके आने का इंतजार किया। जावेद केक लेकर आया तो पुलिस ने पहले निश्चल का जन्मदिन मनवाया और फिर सभी को गिरफ्तार कर लिया।
अहमदाबाद के रसूखदार परिवार से है सन्नी का ताल्लुक, पब में हिस्सेदारी की जांच
फर्जीवाड़े में पुलिस को सन्नी चौहान की तलाश है। सन्नी ही आरोपियों को दूसरे प्रदेश से यहां लाया और कॉल सेंटर खुलवाया था। सन्नी के बारे में पता चला कि वह अहमदाबाद के रसूखदार परिवार से ताल्लुक रखता है। विजयनगर इलाके के एक पब में हिस्सेदारी की बात भी सामने आ रही है जिसकी तलाश चल रही है। यह भी पता चला कि अमरीका के लोगों के ठगी का पैसा जमा कराने के लिए अकाउंट भी वहीं उपलब्ध कराता था। इस समय वह अमरीका में ही है।
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