उन्होंने कहा कि मैं जब भी अपने पापा के साथ मुशायरों और संगीत कार्यक्रम में जाता था तो बाहर निकल कर सोचता था कि कुछ ऐसा करना है कि सब मुझे पहचाने, लेकिन क्या करना है और कैसे फेमस होना है ये पता नहीं था। २७ साल पहले अमरीका गया और अपने काम में व्यस्त रहा।
जब साल 2008-09 में भारत में सब ऑरकुट चला रहे थे तब अमरीका में फेसबुक और यूट्यूब का ट्रेंड आ गया था। फोटो क्लिक करना चाह रहा था, लेकिन कैमरे का वीडियो मोड ऑन हो गया। मैंने मालवी अंदाज में नॉर्मल बातें रिकार्ड की और उसे यूट्यूब पर अपलोड किया जिसे दोस्तों ने पसंद किया।
वहीं से सफर की शुरुआत हो गई। आज जब अमरीका में लोग भिया राम कहकर ग्रीट करते हैं तो लगता है सिलिकॉन वैली में कहीं मालवा बस गया हो। गरम रोटी खाने की थी चाह
उन्होंने कहा कि जब मैं अमरीका में रहता हूं तो एक ही चाह होती है मां के हाथ की गरम रोटी। आज दुनिया में हर जगह पोहा-जलेबी और बासुंदी मिल जाती है, लेकिन असली स्वाद और खाने का मजा इंदौर से भोपाल तक नहीं।
उन्होंने कहा कि जब मैं अमरीका में रहता हूं तो एक ही चाह होती है मां के हाथ की गरम रोटी। आज दुनिया में हर जगह पोहा-जलेबी और बासुंदी मिल जाती है, लेकिन असली स्वाद और खाने का मजा इंदौर से भोपाल तक नहीं।
अपनी भाषा पर करें गर्व
मुझे खुशी होती है जब कोई यंगस्टर मुझे आकर कहता है कि आपके वीडियो देखने के बाद मुझे मालवी भाषा बोलने में गर्व महसूस होता है तो मुझे लगता है कि मैंने कुछ अचीव किया है। आज वैसे भी हर कोई इंग्लिश मैन हो गया है। इंग्लिश का मतलब अच्छे लोग..लेकिन ऐसे में अगर आप सारी दुनिया में पहचान दिला पाएं तो इससे अच्छा कुछ भी नहीं है।
मुझे खुशी होती है जब कोई यंगस्टर मुझे आकर कहता है कि आपके वीडियो देखने के बाद मुझे मालवी भाषा बोलने में गर्व महसूस होता है तो मुझे लगता है कि मैंने कुछ अचीव किया है। आज वैसे भी हर कोई इंग्लिश मैन हो गया है। इंग्लिश का मतलब अच्छे लोग..लेकिन ऐसे में अगर आप सारी दुनिया में पहचान दिला पाएं तो इससे अच्छा कुछ भी नहीं है।