कमल सिसौदिया के एनकाउंटर के बाद यहां पुलिस अधिकारी रहे प्रवीण कक्कड़ सुर्खियों में आए थे। उस समय से कमल की पत्नी कल्पना सिसौदिया आरोप लगा रही है कि उनके पति का एनकाउंटर फर्जी था। करीब 16 साल से वे शिकायत कर रही हैं, लेकिन हर बार जांच प्रभावित कर दी गई। कक्कड़ पर कार्रवाई के बाद कल्पना ने पत्रकारों से चर्चा में कार्रवाई को ऊपर वाले का इंसाफ बताया है।
महिला ने ये सुनाई अपनी दास्तां कल्पना ने कहा कि मैं अपने पति और दो बच्चों के साथ लिमड़ी (गुजरात) में रह रही थीं। 10 जुलाई 2003 को इंदौर एसटीएफ में पदस्थ प्रवीण कक्कड़ अपने कुछ साथियों के साथ आए और पति को ले गए। बाद में पता चला कि भेरूघाटी पेटलावद में पति का एनकाउंटर कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने एनकाउंटर को बताया था शंकास्पद कल्पना ने बताया कि मैंने गृह मंत्रालय, तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती व शिवराजसिंह चौहान से भी शिकायत की। शिवराजसिंह चौहान ने झाबुआ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक से जांच भी करवाई थी। पुलिस अधीक्षक ने जांच में एनकाउंटर को शंकास्पद बताया था क्योंकि 9 जुलाई को कमल पर इनाम घोषित हुआ। घर से वे अलग कपड़े पहनकर गए थे और बाद में अलग कपड़ों में मिले। वे सीधे हाथ का इस्तेमाल करते थे, लेकिन बंदूक उल्टे हाथ में मिली। आठ नंबर की चप्पल पहनते थे, लेकिन एनकाउंटर के बाद पैर में नौ नंबर की चप्पल मिली। कल्पना का आरोप है कि शराब माफियाओं के इशारे पर फर्जी एनकाउंटर किया गया।