इंदौर

हार्वेस्टिंग… जहां लगे वहां पानी-पानी जहां नहीं लगाए गए वहां संकट छाया

जिम्मेदारों की अनदेखी और जागरूकता के दो पहलू

इंदौरMar 20, 2024 / 07:42 pm

रमेश वैद्य

इंदौर. शहर में पिछले कुछ समय से भूमि जल लगातार घट रहा है। इसकी वजह बारिश का पानी सहेजने में अनदेखी होना है। जिन कॉलोनियों में जागरूक रहवासियों ने वॉटर हार्वेस्टिंग लगवाए थे, वहां अब वॉटर लेवल स्थिर है, वही उसके कुछ किलोमीटर दूर की कॉलोनियों ने वाटर रिचार्जिंग नहीं लगवाए, जिससे वहां अब जल संकट के हालात हैं। ऐसे में साफ है कि जल नहीं सहेजेंगे तो संकट झेलना पड़ेगा।सिलिकॉन सिटी में कुछ साल पहले रहवासियों ने करीब 300 वॉटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाए गए। इसी का नतीजा है कि मार्च गुजरने को है, फिर भी बोङ्क्षरग सूखे नहीं हैं।
लगा दिए 300 करीब वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
सिलिकॉन सिटी निवासी व पूर्व जनपद सीईओ नरेंद्र भावसार के मुताबिक, अभियान चलाकर पांच साल पहले सिलिकॉन सिटी में 300 करीब वॉटर हार्वेस्टिंग लगवाए थे, जिससे बारिश के पानी को जमीन में उतारा गया। इसका नतीजा है कि अब टैंकर पर निर्भरता नहीं है। बोरिंग से पानी मिल रहा है, जबकि फरवरी तक बोङ्क्षरग सूख जाते थे। सिलिकॉन सिटी से कुछ दूर टाउनशिप पहाड़ पर बसी हैं, फिर भी अभी से जल संकट हो गया है।
पानी बचाने की मिसाल
सिलिकॉन सिटी के लोग फिल्टर के वक्त आरओ का पानी भी कर रहे इस्तेमा, जल बचाव के लिए बनाई आदर्श संहिता

जल बचाव के लिए बनाई आदर्श संहिता

शुभलाभ वैली टाउनशिप के संरक्षक डी.आर. घुले के मुताबिक, टाउनशिप में 264 फ्लेट हैं। कुछ समय पहले तक जल संकट के हालत थे, लेकिन दो साल पहले कई घरों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाए गए। इसका ही परिणाम है कि अब यहां पानी की समस्या नहीं हुई है। जल बचाव के लिए भी आदर्श संहिता बनाई गई है। टाउनशिप में कोई भी पानी से कार वाश नहीं कर सकता है। यहां काम करने आने वाले कर्मचारियों को समझाइश दी गई है कि वह पानी बर्बाद नहीं करेंगे। आरओ में फिल्टर के वक्त निकलने वाले पानी का पेड़-पौधों या अन्य उपयोग में लिया जाता है।

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