must read : बदमाश ने वकील से मांगे 1000 रुपए, मना करने पर बोला 30 केस तो चल ही रहे है 31वां भी हो जाएगा जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क की घोषणा 1995 में की गई थी। इसके बाद से ही इसे बनाने की लगातार कोशिशें हो रही हैं। शिवराज सरकार भी इंदौर में तीन ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट करवा चुकी, लेकिन इस पार्क को धरातल पर नहीं ला पाई। दरअसल जमीनों को लेकर चल रहे विवाद के कारण पार्क अटका हुआ था। अब आईडीसी यानी एकेवीएन इंदौर ने उपलब्ध जमीन पर पार्क का पहला चरण विकसित करने का फैसला किया और इसके लिए टेंडर जारी कर दिया। टेंडर भरने की आखिरी तारीख 27 अगस्त है, जबकि टेंडर 6 सितंबर को खुलेंगे। इसके बाद पार्क का काम शुरू हो जाएगा। खर्च 31.93 करोड़ आंका गया है, जिसमें पांच साल का मैंटेनेंस भी शामिल होगा। यानी इसे विकसित करने वाले ठेकेदार को पांच साल तक मैंटेनेंस भी करना होगा।
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पार्क 28.65 हेक्टेयर जमीन पर ही विकसित होगा। इसमें 58 भूखंड तो ज्वेलरी, कंफेंशनरी और अन्य उद्योगों के लिए होंगे, वहीं 8 भूखंड आईटी के लिए होंगे। इसके साथ एक प्लॉट मार्केट या मॉल का और 14 प्लॉट व्यवसायिक गतिविधियों के लिए होंगे। इसके अलावा प्रशासकीय इमारत, महिलाओं के लिए होस्टल, क्लब हाउस, फूड जोन भी बनेगा।
पार्क 28.65 हेक्टेयर जमीन पर ही विकसित होगा। इसमें 58 भूखंड तो ज्वेलरी, कंफेंशनरी और अन्य उद्योगों के लिए होंगे, वहीं 8 भूखंड आईटी के लिए होंगे। इसके साथ एक प्लॉट मार्केट या मॉल का और 14 प्लॉट व्यवसायिक गतिविधियों के लिए होंगे। इसके अलावा प्रशासकीय इमारत, महिलाओं के लिए होस्टल, क्लब हाउस, फूड जोन भी बनेगा।
अब होगा मल्टी प्रोडक्ट जेम्स एंड ज्वेलरी पार्क अब केवल ज्वेलरी या डायमंड प्रोडक्ट के लिए ही नहीं होगा, बल्कि मल्टी प्रोडक्ट इंडस्ट्रियल एरिया होगा। इसमें आईटी पार्क भी होगा और कंफेंशनरी क्लस्टर भी। यानी यहां जेवरात उत्पादकों के साथ आईटी कंपनियों, चॉकलेट और स्वीट्स उत्पादकों के अलावा अन्य उद्योगों को भी प्लॉट मिल सकेंगे। हालांकि पार्क में केवल निर्यातक इकाईयों को ही प्लॉट दिए जाएंगे।