scriptJanmashtami : 228 साल पहले 40 दिन में बैलगाड़ी से यहां पहुंची थी यशोदा माता की प्रतिमा | janmashtami : statue of yashoda mata reached in 228 days from jaipur | Patrika News

Janmashtami : 228 साल पहले 40 दिन में बैलगाड़ी से यहां पहुंची थी यशोदा माता की प्रतिमा

locationइंदौरPublished: Aug 22, 2019 12:53:46 pm

– मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू
-यशोदा माता मदिर में तीन, गोपाल मंदिर में एक दिन मनेगा जन्मोत्सव
-गोपाल मंदिर…बिना दर्शन खाना नहीं खाती थीं कृष्णाबाई
-बांके बिहारी मंदिर में कल्कि अवतार में देते हैं श्रीकृष्ण दर्शन

Janmashtami : 228 साल पहले 40 दिन में बैलगाड़ी से यहां पहुंची थी यशोदा माता की प्रतिमा

Janmashtami : 228 साल पहले 40 दिन में बैलगाड़ी से यहां पहुंची थी यशोदा माता की प्रतिमा

इंदौर. मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। गोपाल मंदिर, बांकेबिहारी मंदिर में 23 तो यशोदा माता मंदिर व इस्कॉन मंदिर में 24 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वर्षों से स्मार्त संप्रदाय जन्माष्टमी तिथि और वैष्णव संप्रदाय रोहणी नक्षत्र में मनाते आए हैं। यशोदा माता मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव तीन दिन 24 से 26 अगस्त तक मनाया जाएगा, जबकि इस्कॉन मंदिर में 24 और 25 अगस्त को। गोपाल मंदिर और बांकेबिहारी मंदिर में जन्माष्टमी 23 अगस्त को मनाई जाएगी।
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228 साल पुराने यशोदा माता मंदिर में स्थापित मूर्ति जयपुर से बैलगाड़ी में 40 दिन में लाई गई थी। इस अनूठी मूर्ति में मां यशोदा की गोद में कन्हैया अठखेलियां कर रहे हैं। मुख्य पुजारी मनीष दीक्षित बताते हैं, मंदिर में गोवर्धन पर्वत उठाए श्रीकृष्ण की मूर्ति है। आसपास राधा-रुक्मिणी विराजमान हैं। पं. दीक्षित ने बताया, यहां तीन दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। 24 अगस्त शनिवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। सुबह 6 बजे महाअभिषेक, दोपहर 3 से 5 बजे तक भजन, रात 12 बजे महापूजा और महाआरती और 12.30 बजे प्रसाद वितरण होगा। प्रसाद में फलाहारी खिचड़ी, माखन-मिश्री और सिंघाड़े की पंजीरी का वितरण होगा।
संतान प्राप्ति के लिए गोद भराई

उन्होंने बताया, रविवार को नंदोत्सव मनाया जाएगा। इसमें शाम ७ से रात्रि ९ बजे तक ५६ भोग रहेगा। भक्तों को भगवान दिनभर दर्शन देंगे। तीसरे व अंतिम दिन सोमवार को मंदिर में मोरपंख झूला व दीप दर्शन होंगे। रात 8.30 से 11 बजे तक भजन संध्या होगी। पं. दीक्षित ने बताया, संतान प्राप्ति की कामना से यहां शनिवार-रविवार को गोद भराई होगी। सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक आयोजन होगा।
होलकर परिवार ने की गोपाल मंदिर की स्थापना

Janmashtami : 228 साल पहले 40 दिन में बैलगाड़ी से यहां पहुंची थी यशोदा माता की प्रतिमा
यशवंतराव होलकर प्रथम की पत्नी कृष्णाबाई होलकर कृष्णभक्त थीं। वे कृष्ण के दर्शन बगैर खाना नहीं खाती थीं। होलकर परिवार ने गोपाल मंदिर की स्थापना की। मराठा शैली और काले पत्थर से बने आकर्षक विशाल मंदिर में गणेश, लक्ष्मी और गरुड़ प्रतिमा के साथ ही द्वारपाल तैनात हैं। श्वेत पत्थर से बनी कृष्ण-राधा की मूर्ति है। मुख्य पुजारी बालमुकुंद पराशर ने बताया, 187 साल से यहां किसी नियम में बदलाव नहीं किया गया है।
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आज भी होलकर परिवार के समय से जो निर्धारित था, वही होता आ रहा है। सुबह अभिषेक, पूजन, बालभोग, शृंगार और आरती व भक्तों द्वारा भजन-कीर्तन होंगे। रात्रि 9 बजे 11 ब्राह्मणों द्वारा अभिषेक और रात 12 बजे जन्मोत्सव महाआरती होगी। भगवान के गर्भगृह को फूलों से सजाया जाएगा। प्रसाद में पंजीरी, माखन-मिश्री, फल, फलाहारी खिचड़ी और तुलसी वितरण किया जाएगा।
बांकेबिहारी मंदिर में फूलों से सजेगा गर्भगृह

राजबाड़ा स्थित बांकेबिहारी मंदिर कई मायनों में अद्भुत है। इसका निर्माण होलकर राजवंश द्वारा 238 साल पहले कराया गया था। मंदिर के भक्त महानुभाव पंथ को मानते हैं। महानुभाव पंथ का अर्थ है जो श्रीकृष्ण के कलियुग अवतार की पूजा करते हैं। हाल ही में शासन ने मंदिर का जीर्णोद्धार कर पुराने वैभव में लौटाया है। मंदिर निर्माण में काले पत्थर और काली लकडि़यों का उपयोग किया गया है। यहां जन्माष्टमी 23 अगस्त को मनाई जाएगी। गर्भगृह को मोगरा, गुलाब और रजनीगंधा फूलों से सजाया जाएगा। मंदिर की मुख्य पुजारी तपस्विनी विमलबाई विराट बताती हैं, मंदिर रोशनी से जगमग होगा। सुबह से पूजा-पाठ होंगे। भजन संध्या, गीता पाठ होगा। रात्रि १२ बजे महाआरती होगी। प्रसाद के रूप में माखन-मिश्री का वितरण होगा। वे बताती हैं कि दूसरे दिन शनिवार को भक्त हाथों से बालगोपाल को झुलाएंगे भी।
इस्कॉन मंदिन में दो दिन मनेगा उत्सव

इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की शुरुआत 17 अगस्त से हो चुकी है। यहां 23 अगस्त तक श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। बृज भाषा में वृंदावन के भागवत कथावाचक बृजविलास दास द्वारा शाम 4.30 से शाम 7 बजे तक कथा की जा रही है। इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष महामनदास और मीडिया प्रभारी शैलेंद्र मित्तल ने बताया, जन्माष्टमी उत्सव 24 और 25 अगस्त को मनाया जाएगा।
जन्मोत्सव व नंदोत्सव होगा

उन्होंने बताया, 24 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूरे दिन दर्शन व सत्संग होगा। 7 बजे संध्या आरती, 7.30 बजे से ओडिसी व कथक नृत्य होगा। श्री चैतन्य महाप्रभु की नाटिका होगी। रात 10.30 बजे अभिषेक और 12 बजे महाआरती होगी। 25 को नंदोत्सव मनाया जाएगा और श्री प्रभुपाद व्यास पूजा होगी। सुबह 10 बजे से शरणागति और दोपहर 1.30 से दोपहर 3 बजे तक महाप्रसादी होगी।
कल निकलेगी शोभायात्रा

23 अगस्त को यादव समाज सहित अन्य समाज द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर शोभायात्रा निकाली जाएगी। अभा यादव महासभा के सदाशिव यादव ने बताया, शोभायात्रा बड़ा गणपति से श्रम शिविर तक निकाली जाएगी। इसमें कृष्ण की लीलाओं पर आधारित झांकियां शामिल होंगी। इसी प्रकार ग्वालवंशी यादव समाज व अन्य संगठनों द्वारा भी चौधरी पार्क सांवरिया मंदिर से मूसाखेड़ी चौराहा होते हुए नर्मदा प्रोजेक्ट तक शोभायात्रा निकाली जाएगी।
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