इंदौर

जवाहर मार्ग पुल का लोकार्पण…भाजपा विधायक नाराज और मंच पर रहा कांग्रेसियों का कब्जा

समारोह में दिखा प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का असर, महापौर-सभापति और एमआईसी मेंबर्स को किनारे में बैठना पड़ा

इंदौरJan 27, 2019 / 11:30 am

Uttam Rathore

जवाहर मार्ग पुल का लोकार्पण…भाजपा विधायक नाराज और मंच पर रहा कांग्रेसियों का कब्जा

इंदौर. ट्रैफिक के लिहाज से शहर की लाइफ लाइन में से एक माने जाने वाले जवाहर मार्ग पुल का लोकार्पण कल यानी २6 जनवरी को किया गया। राज्य के खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मंत्री जीतू पटवारी के हाथों पुल का लोकार्पण हुआ। इस दौरान महापौर मालिनी गौड़ भी मौजूद थी। जवाहर मार्ग पुल लोकार्पण के दौरान जमकर राजनीति भी हुई। एक तरफ जहां क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय कार्यक्रम की सूचना ऐनवक्त पर देने से नाराज हो गए, वहीं कार्यक्रम स्थल पर बने मंच पर कांग्रेसियों का कब्जा हो गया। इस कारण महापौर गौड़, सभापति अजय सिंह नरूका सहित एमआईसी मेंबर को साइड में बैठना पड़ा।
मंच पर कांग्रेसियों की भीड़ के कारण हुई अव्यवस्था के चलते पार्षद और एमआईसी मेंबर डायस के सामने नीचे ही बैठ गए। मंच पर मंत्री पटवारी के साथ एक नंबर से विधायक संजय शुक्ला, पूर्व विधायक अश्विन जोशी, नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम, शहर कार्यकारी अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, क्षेत्रिय पार्षद अंसाफ अंसारी, पार्षद अनवर दस्तक, सादिक खान, कांग्रेस नेता शेख अलीम, गोलू अग्निहोत्री और रफीक खान सहित अन्य कई नेताओं ने कब्जा कर लिया था। इन कांग्रेसियों के मंच पर मंत्री पटवारी के साथ बीच में बैठने पर भाजपा नेताओं को साइड में जगह मिली। प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता का पूरा जोर निगम के कार्यक्रम में दिखा।
दरअसल, जवाहर मार्ग पुल का निर्माण 115 दिन में करके निगम ने नया रिकॉर्ड बनया है, क्योंकि शायद प्रदेश में यह एक मात्र पुल है, जिस पर तय समय सीमा से पहले बनकर तैयार होने के साथ ट्रैफिक शुरू हो गया। इससे लोगों को अब यातायात जाम होने की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही अभी तक नंदलालपुरा चौराहे से मेनरोड, कृष्णपुरा छत्री होकर गुजरने वाले ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा।
निगम अफसर समझ लें, आगे क्या होगा
तीन नंबर विधानसभा के विधायक विजयवर्गीय पिछले दिनों जहां इंदौर रेलवे स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र पर नाम नहीं होने से नाराज हो गए थे, वहीं कल जवाहर मार्ग पुल लोकार्पण समारोह में उन्होंने नाराजगी जाहिर की। निगम अफसरों को आड़े हाथ लिया। विधायक विजयवर्गीय ने मंच से यहां तक कह दिया कि निगम के अफसर इस बात का ध्यान रखें कि उनकी विधानसभा क्षेत्र में बिना उनसे चर्चा किए कोई भी कार्यक्रम नहीं रखें, वरना आगे क्या होगा वह समझ लें। इधर, कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की कि निगम द्वारा इस पुल को रिकॉर्ड समय में बनाकर लोगों को यातायात की परेशानी से निजात दिलाई। निगम की पूरे शहर में प्रशंसा हो रही है। ऐसे में विधायक विजयवर्गीय द्वारा नाराजगी व्यक्त करना उचित नहीं है।
 

मंत्री पटवारी के साथ एक्टिवा पर आईं महापौर
कार्यक्रम स्थल पर मंत्री पटवारी एक्टिवा गाड़ी पर महापौर गौड़ को बैठाकर लाए। इसके बाद पूल का लोकार्पण किया गया। इस दौरान एआईसी मेंबर बलराम वर्मा, सुधीर देडग़े, सूरज कैरो, शोभा गर्ग, अश्विनी शुक्ल मौजूद थे। निर्माण कार्य समय सीमा से पहले करने वाली ठेकेदार कंपनी पाश्र्व बिल्डर के सुमित लुहाडिय़ा, सुमित कोठारी और सुनील नागर को 25 लाख रुपए का ईनाम दिया गया। समय पर काम पूरा कराने वाले आयुक्त आशीष सिंह, अपर आयुक्त रोहन सक्सेना, कार्यपालन यंत्री अनुप गोयल, सहायक यंत्री सुनील गुप्ता और देवेश कोठारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
 

Jawahar Marg bridge inaugurated
पुल की फैक्ट फाइल
– स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत हुआ पहला काम पूरा।
– जवाहर मार्ग पुल 60 फीट चौड़ा और 150 फीट लंबा है।
– तेज बारिश के कारण पुल क्षतिग्रस्त हुआ 22 सितंबर 2018 को।
– यातायात बंद करने के बाद तोड़ा गया 30 सितंबर 2018 को।
– विधानसभा चुनाव के चलते लगी आचार संहिता के कारण निर्वाचन आयोग से विशेष परमिशन लेकर टेंडर बुलाए और खोले 12 अक्टूबर 2018 को।
– पुल निर्माण की लागत करीब ६ करोड़ रुपए आई, जबकि पहले वाले टेंडर में ५ करोड़ रुपए थे। इसमें 35 प्रतिशत अबाव रेट डाले थे, जो सबसे कम थे।
– सबसे पहले पुल की दो स्लैब डाली गई, जो कि 28 और 29 नवंबर 2018 को डली। दूसरी दो स्लैब 30 से 31 दिसंबर को डाली गई।
– पुल की लोड टेस्टिंग 8 ट्रक 250 टन के 24 घंटे खड़े करके की गई।
– पुल को बनाने की मियाद साढ़े पांच माह यानी 15 मार्च 2019 तक रखी गई, लेकिन इस मियाद के पूरे होने के पहले ही पूल का काम पूरा कर शुरू कर दिया गया। 26 जनवरी को जनता के लिए खोल दिया गया।
– पुल को बनाने की मियाद साढ़े पांच माह थी। इसमें अगर देरी होने पर प्रतिदिन एक लाख रुपए की पैनल्टी लगने वाली थी ठेकेदार कंपनी पर, जबकि समय से पहले तैयार करने पर प्रति दिन एक लाख रुपए और अधिकतम 25 लाख रुपए का अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने की शर्त रखी गई।
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