ट्रैफिक के मान से शहर की लाइफ लाइन माने जाने वाले जवाहर मार्ग पुल के टूटने से राजबाड़ा और नंदलापुरा मेनरोड पर यातायात का दबाव बढ़ गया है। इसे कम करने के लिए चंद्रभागा और चंपाबाग पुल पर से ट्रैफिक गुजारने के लिए अधूरी पड़ी एप्रोच रोड को बानाने काम युद्ध स्तर से किया जा रहा है, वहीं जर्जर रोड की हालत सुधारने के साथ अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं। निगमायुक्त आशीष सिंह ने चंद्रभागा और चंपाबाग पुल से अतिक्रमण हटाकर इस रोड को शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके पालन में निगम कार्रवाई कर रहा है। गौरतलब है कि जवाहर मार्ग पुल का निर्माण जल्द से जल्द करने के लिए निगम ने शॉर्ट टेंडर जारी कर दिए हैं जो कि ९ अक्टूबर को खुलेंगे। इसके बाद जिस किसी कंपनी को ठेका मिलेगा, उससे काम कराने के लिए समय सीमा तय की जाएगी। चर्चा है कि पुल का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले भूमिपूजन करने की भी तैयारी है।
अम्मा बोली.. मत तोड़ो मेरा मकान
चंपाबाग पुल की एप्रोच रोड बनाने में बाधा बन रहे एक मकान को तोडऩे की कार्रवाई जैसे ही शुरू की गई, वैसे ही एक अम्मा सामने आ गईं और कार्रवाई को रोकना पड़ा। अम्मा का कहना था कि मेरे मकान को मत तोड़ो। निगम और पुलिस के अफसरों ने जैसे-तैसे अम्मा को समझाया और मौके पर से रवाना किया। इसके बाद फिर से कार्रवाई शुरू हुई।
चंपाबाग पुल की एप्रोच रोड बनाने में बाधा बन रहे एक मकान को तोडऩे की कार्रवाई जैसे ही शुरू की गई, वैसे ही एक अम्मा सामने आ गईं और कार्रवाई को रोकना पड़ा। अम्मा का कहना था कि मेरे मकान को मत तोड़ो। निगम और पुलिस के अफसरों ने जैसे-तैसे अम्मा को समझाया और मौके पर से रवाना किया। इसके बाद फिर से कार्रवाई शुरू हुई।
खुद ही हटाने लगे निर्माण
निगम की जेसीबी-पोकलने चलने के पहले ही कई लोग अपने बाधक निर्माण और हटाने लगे जो कि टिन-टप्पर के बने हुए थे। दरअसल, पुल निर्माण के दौरान इन लोगों को हटाने का प्रयास निगम ने कई बार किया, लेकिन राजनीतिक संरक्षण और हस्तक्षेप के चलते निगम कार्रवाई नहीं कर पा रहा था, जबकि कई बार नोटिस दे चुका था। जवाहर मार्ग पुल टूटने से वैकल्पिक मार्ग बनाने के चलते आज निगम ने कार्रवाई कर इन्हें हटाना शुरू कर दिया, क्योंकि आज से ही चंद्रभागा और चंपाबाग पुल से ट्रैफिक गुजारने की प्लानिंग है।
निगम की जेसीबी-पोकलने चलने के पहले ही कई लोग अपने बाधक निर्माण और हटाने लगे जो कि टिन-टप्पर के बने हुए थे। दरअसल, पुल निर्माण के दौरान इन लोगों को हटाने का प्रयास निगम ने कई बार किया, लेकिन राजनीतिक संरक्षण और हस्तक्षेप के चलते निगम कार्रवाई नहीं कर पा रहा था, जबकि कई बार नोटिस दे चुका था। जवाहर मार्ग पुल टूटने से वैकल्पिक मार्ग बनाने के चलते आज निगम ने कार्रवाई कर इन्हें हटाना शुरू कर दिया, क्योंकि आज से ही चंद्रभागा और चंपाबाग पुल से ट्रैफिक गुजारने की प्लानिंग है।
पहुंचे निगम आयुक्त
निगम की कार्रवाई को देखने के लिए आयुक्त आशीष सिंह भी सुबह 9.45 बजे के आसपास पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण करने के साथ जल्द से जल्द कार्रवाई पूरी करने के निर्देश संबंधित अफसरों दिए। रविवार को भी जवाहर मार्ग पुल तोडऩे की कार्रवाई के चलते वे तकरीबन २ घंटे तक मौके पर ही मौजूद रहे।
निगम की कार्रवाई को देखने के लिए आयुक्त आशीष सिंह भी सुबह 9.45 बजे के आसपास पहुंचे। उन्होंने निरीक्षण करने के साथ जल्द से जल्द कार्रवाई पूरी करने के निर्देश संबंधित अफसरों दिए। रविवार को भी जवाहर मार्ग पुल तोडऩे की कार्रवाई के चलते वे तकरीबन २ घंटे तक मौके पर ही मौजूद रहे।
रोकना पड़ा ट्रैफिक
चंपाबाग पुल के पास से टीन-टप्पर लगा कर किए गए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के चलते ट्रैफिक को रोक दिया गया ताकि कार्रवाई में कोई विघ्न पैदा न हो। कार्रवाई के चलते भारी पुलिस बल के साथ निगम रिमूवल विभाग के बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे। तोडफ़ोड़ की कार्रवाई क्षेत्रीय जोनल अफसर और बिल्डिंग इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह भदौरिया, रिमवूल विभाग के उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान के निर्देशन में हुई।
चंपाबाग पुल के पास से टीन-टप्पर लगा कर किए गए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के चलते ट्रैफिक को रोक दिया गया ताकि कार्रवाई में कोई विघ्न पैदा न हो। कार्रवाई के चलते भारी पुलिस बल के साथ निगम रिमूवल विभाग के बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे। तोडफ़ोड़ की कार्रवाई क्षेत्रीय जोनल अफसर और बिल्डिंग इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह भदौरिया, रिमवूल विभाग के उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान के निर्देशन में हुई।
टूटा पुल भी काम आया निगम के
वर्ष 1951 में बना जवाहर मार्ग पुल इतना जर्जर व कमजोर हो गया था कि पोकलेन का पंजा लगते ही भरभारकर गिरने लगा। रविवार सुबह 5.30 बजे से पुल तोडऩे की कार्रवाई शुरू हुई जो कि दोपहर तक पूरी की गई। इसके बाद मलबा उठाने की बात आई तो निगम अफसरों ने नहीं उठाया और टूटे पुल के मलबे का उपयोग रैम्प बनाने में करने का फैसला लिया गया, क्योंकि पुल निर्माण के चलते सामग्री के डंपर और अन्य वाहन उतारना पड़ेंगे। इसलिए मलबे को नहीं हटाया गया। अब निगम लोहे को काटकर मलबे को रेंप बनाने के उपयोग में लेगा। बताया जा रहा है कि रेंप बनाने के लिए और मलबे की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए अन्य जगहों से मलबा लाकर डाला जाएगा।
वर्ष 1951 में बना जवाहर मार्ग पुल इतना जर्जर व कमजोर हो गया था कि पोकलेन का पंजा लगते ही भरभारकर गिरने लगा। रविवार सुबह 5.30 बजे से पुल तोडऩे की कार्रवाई शुरू हुई जो कि दोपहर तक पूरी की गई। इसके बाद मलबा उठाने की बात आई तो निगम अफसरों ने नहीं उठाया और टूटे पुल के मलबे का उपयोग रैम्प बनाने में करने का फैसला लिया गया, क्योंकि पुल निर्माण के चलते सामग्री के डंपर और अन्य वाहन उतारना पड़ेंगे। इसलिए मलबे को नहीं हटाया गया। अब निगम लोहे को काटकर मलबे को रेंप बनाने के उपयोग में लेगा। बताया जा रहा है कि रेंप बनाने के लिए और मलबे की आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए अन्य जगहों से मलबा लाकर डाला जाएगा।
टैंकरों से बांट रहे पानी
पुल टूटने के कारण जवाहर मार्ग के आसपास के क्षेत्रों में पानी की किल्लत पैदा हो गई है, क्योंकि पुल के पास से जा रही नर्मदा की पाइप लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है। तोडफ़ोड़ के चलते पाइप लाइन का वॉल्व भी बंद कर दिया गया है। इस कारण सप्लाय प्रभावित हो रहा है। अब जब तक पाइप लाइन दुरूस्त होने के साथ डायवर्ट नहीं होती, तब तक लोगों को टैंकर के भरोसे रहना पड़ेगा। आज सुबह भी लोगों को पानी बांटने के लिए जवाहर मार्ग पुल के आसपास क्षेत्रों में टैंकर चलाए गए।
पुल टूटने के कारण जवाहर मार्ग के आसपास के क्षेत्रों में पानी की किल्लत पैदा हो गई है, क्योंकि पुल के पास से जा रही नर्मदा की पाइप लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई है। तोडफ़ोड़ के चलते पाइप लाइन का वॉल्व भी बंद कर दिया गया है। इस कारण सप्लाय प्रभावित हो रहा है। अब जब तक पाइप लाइन दुरूस्त होने के साथ डायवर्ट नहीं होती, तब तक लोगों को टैंकर के भरोसे रहना पड़ेगा। आज सुबह भी लोगों को पानी बांटने के लिए जवाहर मार्ग पुल के आसपास क्षेत्रों में टैंकर चलाए गए।