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होस्टल का अवैध निर्माण तोडऩे पहुंचे अमले ने उपायुक्त के पहुंचने पर चलाया जेसीबी का पंजा

locationइंदौरPublished: Jul 20, 2019 12:31:43 pm

कोर्ट में मामला कार्रवाई टली एक घंटे तक करते रहे इंतजार, सुनवाई का सुन रोक दी कार्रवाई
 

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होस्टल का अवैध निर्माण तोडऩे पहुंचे अमले ने उपायुक्त के पहुंचने पर चलाया जेसीबी का पंजा

इंदौर. भंवरकुआं क्षेत्र में आवासीय प्लॉट्स पर व्यावसायिक होस्टल के खिलाफ कार्रवाई खटाई में पड़ती नजर आ रही है। सर्वानंद नगर में बिना कार्रवाई किए लौटा निगम का अमला शुक्रवार को इंद्रपुरी में निर्माणाधीन होस्टल बिल्डिंग का अवैध निर्माण आधा अधूरा ही तोड़ सका। मामला कोर्ट पहुंचा और सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा गया। इसके बाद अमला कार्रवाई का पंचनामा बना कर लौट आया। बताया जा रहा है, निर्माणाधीन भवन में जोन पर पदस्थ अधिकारियों की कमियों के चलते मामले में निगम को पीछे हटना पड़ा है।
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निगम अमला करीब सुबह 11.30 बजे इंद्रपुरी में होस्टल के अवैध निर्माण को हटाने जोन में पदस्थ भवन अधिकारी, भंवरकुआं पुलिस जेसीबी व अन्य साधन लेकर पहुंचे। मौके पर मौजूद भवन मालिक रवि अग्रवाल ने बताया मामले में कोर्ट में याचिका लगाई गई है, फैसला आने तक कार्रवाई नहीं करें। जब अधिकारी आगे बढ़े तो वह रौब दिखाने लगा। अफसर का फोन आने पर धीरे-धीरे कार्रवाई शुरू की। इसी बीच उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान पहुंचे और बीआई को फटकार लगाते हुए अमले को जेसीबी से निर्माण तोडऩे के निर्देश दिए। आगे का कुछ हिस्सा और दो पिलर तोड़े ही थे कि याचिका पर सुनवाई शुरू होने की खबर आने पर कार्रवाई रोक दी गई और बाद में अमला लेकर वापस लौट आए।
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एमओएस नहीं छोड़ा

हाई कोर्ट में दोनों पक्षों के बीच बहस में निगम की ओर से अभिभाषक ऋषि तिवारी ने बताया, भवन मालिक को ६ माह पहले नोटिस देकर अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा था। इसके बाद जब अमला कार्रवाई के लिए पहुंचा तो भवन मालिक ने 7 दिन में हटाने का आश्वासन देकर रवाना कर दिया। इसके बाद निर्माण हटाना तो दूर एमओएस भी पूरी तरह बंद कर दिया। आग लगने पर बुझाने की जगह भी नहंी छोड़ी। मेजेनाइन फ्लोर को भी पूरी फ्लोर में बदल दिया। भवन मालिक की ओर से बताया कि सुनवाई का मौका दिए बिना ही कार्रवाइ की जा रही हैं। अफसरों के पास कुछ नागरिक पहुंचे और कार्रवाई प्रशंसा की।
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