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इंदौर

झाबुआ उपचुनाव : आसान नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया की राह

भानू भूरिया को टिकट देकर भाजपा ने खेला युवा कार्ड, सोशल इंजीनियरिंग में लगे नेता
 

इंदौरOct 05, 2019 / 10:54 am

Mohit Panchal

झाबुआ उपचुनाव : आसान नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल  भूरिया की राह

झाबुआ उपचुनाव : आसान नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया की राह

इंदौर। झाबुआ में विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता को उतारा है तो भाजपा ने युवा कार्ड खेला। भाजपा ने कर्ज माफी और बंद हुई शिवराज सरकार की योजनाओं को लेकर माहौल बनाना और दिग्गजों को सेक्टरों में बैठाकर सोशल इंजीनियरिंग पर फोकस करना शुरू कर दिया है।
झाबुआ विधानसभा का उप चुनाव कांग्रेस जीतती है तो उसकी ११५ सीटें हो जाएंगीं। बहुमत के लिए सिर्फ एक कम रहेगी और भाजपा के सरकार गिराने के दावों की हवा भी निकल जाएगी। वहीं भाजपा जीतती है तो मजबूत होगी। इसके चलते भाजपा और कांग्रेस पूरी ताकत से झाबुआ में डट गईं हैं।
कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को उतारा है, क्योंकि भले ही भूरिया लोकसभा चुनाव में हारे हों, लेकिन इसी विधानसभा में साढ़े आठ हजार वोटों से जीते थे। इधर भाजपा ने भानू भूरिया को टिकट देकर युवा कार्ड खेलने का प्रयास किया, जिसका असर चुनाव में दिख रहा है। भानू के साथ युवाओं की टीम दिखाई दे रही है। चूंकि दोनों ही प्रत्याशी भील समाज से हैं, इसलिए भिलाला समाज में भाजपा की पैठ भी बढ़ गई है।
अन्य समाजों को साधने का प्रयास भी किया जा रहा है। भाजपा संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा व कृष्णमुरारी ने पुराने अनुभव पर रणनीति तैयार की है। संभाग के दिग्गज नेताओं की ड्यूटी जरूर लगाई, लेकिन चुनाव स्थानीय होगा। स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही सारी जिम्मेदारी दी जाएगी, ताकि प्रचार बंद होने के बाद बाहरी नेताओं के रवाना होने पर स्थानीय नेता व कार्यकर्ता दमदारी से डटे रहें।
इंदौरी नेताओं का लगा जमघट
झाबुआ में चावड़ा व मोघे के अलावा विधायक महेंद्र हार्डिया, रमेश मेंदोला, उषा ठाकुर, सुदर्शन गुप्ता, जीतू जिराती, मधु वर्मा, उमेश शर्मा, कमल वाघेला, घनश्याम शेर, बबलू शर्मा व राजेश उदावत पहुंच गए। इसके अलावा १५० से अधिक कार्यकर्ता दशहरे के बाद पहुंचेंगे।
कर्ज माफी और बंद योजनाओं पर बात
भाजपा का पूरा फोकस कमल नाथ सरकार की विफलताओं पर होगा। कर्ज माफी के मुद्दे को गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा, वहीं शिवराज सरकार की आदिवासी व अन्य समाज की बंद योजनाओं को याद दिलाया जाएगा। वहीं झाबुआ के विकास और क्षेत्र में कांतिलाल भूरिया के योगदान पर जवाब मांगा जाएगा।
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