अफसरों ने न सिर्फ किसानों को पीएम से बात करने से रोका बल्कि कॉन्फ्रेंस के बाद मीडिया से भी बचाए रखा। कॉन्फे्रंस खत्म होते ही अफसरों ने किसानों को पीछे के गेट से चुपचाप बाहर रवाना कर दिया। उन्हें डर था कि कहीं किसान उनकी पोल न उजागर कर दे। इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के अफसरों से बात करने की कोशिश की तो कोई कुछ बोलने को ही तैयार नहीं हुआ। सभी इसे सफल कार्यक्रम बताने की चेष्टा करते नजर आए। किसानों को बोलने का मौका नहीं देने पर सभी ने चुप्पी साध ली।