पतंगबाजी पाप का निमित्त – हम सभी जानते है कि पतंग को डोर अगर छोड़ दी जाय तो उसका क्या हश्र होता है। पल भर के काल्पनिक सुख ही पतंग उड़ाने से मिलता है, लेकिन इसके निमित्त भी हम पाप के भागी बनते है। कितने पंछी इसकी डोर से आहत होकर मर जाते है, इससे जीव हत्या का दोष लगता है।
खतरनाक है इंटरनेट व मोबाइल- आचार्यश्री ने कहा कि बच्चा जब छोटा होता है तो गैस लाइटर को हाथ मे लेता है तो हैं चिंतित हो जाते है। लेकिन वर्तमान में इंटरनेट मोबाइल ऐसे खतरनाक लाइटर है जो हमारे मानसिक स्तर पर बड़ी आग लगा रहा है। इस लाइटर से हमारे बच्चों को बचाना है। संसार मे बिगडऩे के निमित्त तो कदम कदम पर मौजूद है जो हमारे समय, मानस को बिगाड़ रहे है।
बच्चे राष्ट्र की धरोहर- उन्होंने कहा कि बच्चे किसी भी देश की धरोहर होते है। उनका सुदृढ़ भविष्य की राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाता है। हमे अपने बच्चों की इच्छा व हित मे अंतर समझना होगा। इच्छा एक पल की होती है और हिट जिंदगी भर के लिए होता है। एक पल की एक इच्छा के लिए अगर बालक का हित जीवन भर के लिए प्रभावित होता है तो ऐसी इच्छा पूर्ति किस काम की।