ग्रुप संयोजक प्रकाश राजदेव ने समारोह की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि सेवा व योगदान के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले लोगों के कर्म को मान्यता देकर अन्य व्यक्तियों को प्रेरणा देने के उद्देश्य से ग्रुप की ओर से हर साल यह समारोह किया जाता है। समारोह का संचालन मनीष देवनानी और कमल आहूजा ने संयुक्त रूप से किया। अतिथियों का स्वागत सुभाष सुखेजा, केशव राजानी, धनेश मटाई, सजंय हबलानी, जयपाल बजाज, काजल ज्ञानचंदानी, मुस्कान वाधवानी और निर्मल नावानी ने किया। नानक राम दावानी ने आभार जताया।
संशयग्रस्त जीव को नहीं मिल सकते राम – श्रीविद्याधाम पर चल रही रामकथा में भरत मिलाप एवं केवट प्रसंग इंदौर। श्रद्धा और विश्वास के बिना भक्ति और साधना-उपासना सार्थक नहीं हो सकते। संशय ग्रस्त जीव को राम नहीं मिल सकते। संसार में रहते हुए मानव देह धारण करने का उ²ेश्य यही है कि हम अपने आराध्य के प्रति लगन और निष्ठा के साथ समर्पण भाव से भक्ति करें। भरत मिलाप भारत भूमि में भाईयों के बीच स्नेह और विश्वास का अत्यंत प्रेरक प्रसंग है। शबरी निष्काम भक्ति का उदाहरण है।