अनुमति न होने के बावजूद राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रैली निकालने की पुरजोर कोशिश की। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा देशभक्ति ही है ये जो यहां लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए है। विजयवर्गीय अपने समर्थकों के साथ दशहरा मैदान से महू नाका तक पैदल गए और विवादित नारे लगाते रहे हालांकि कुछ ही देर बाद उन्होंने वंदे मातरम के नारे लगाना शुरू कर दिया। इस दौरान कैलाश ने फिर चुनाते देने की कोशिश की। एक मंत्री के बयान पर विजयवर्गीय की गिरफ्तारी के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय चुप्पी साधते हुए नजर आए।
भारत रक्षा मंच के बैनर तले दशहरा मैदान पर तिरंगा यात्रा निकाली गई और राष्ट्रगान हुआ। इसको लेकर देर रात 3 बजे तक मैदान पर तैयारियां चलती रहीं। मंच के उपाध्यक्ष प्रांजल शुक्ला, पुष्यमिश्र भार्गव, संघ के अधिकारी विनीत नवाथे, रूपेश पाल, मनीष नीम, सांसद शंकर लालवानी, संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, नानूराम कुमावत, जवाहर मंगवानी, बबलू शर्मा और कमल वर्मा व्यवस्थाएं जुटा रहे थे। मैदान में 1200 वर्गफीट का बड़ा मंच लगाया गया है, जिस पर साधु-संत के अलावा वरिष्ठ व गणमान्यों को बैठाया। इसके अलावा दो मंच ओर लगेे। एक मंच पर देशभक्ति गीत बजाने वाला आर्केस्ट्रा लगा और दूसरा मंच जैन साध्वियों के लिए था। वहीं तीन वॉच टॉवर और विवेकानंद का कटआउट भी लगाया गया है। बैठक व्यवस्था के लिए दस ब्लॉक बनाए गए हैं। प्रवेश के लिए पांच द्वार औरजल मंदिर बनाए गए हैं तो अस्थाई शौचालयों की व्यवस्था भी की गई थी।
समाजों के लिए ब्लॉक तिरंगा यात्रा में सिख, जैन, सिंधी, मुस्लिम समाज के जत्थे भी शामिल हुए। उनकी उपस्थिति अलग से दिखाई दे इसको लेकर अलग से ब्लॉक बनाया गया, जो आगे की ओर था। यह भी तय किया गया है कि कितना भी बड़ा नेता हो वह अपने क्षेत्र के ब्लॉक में ही खड़ा रहेगा।