must read : मध्यप्रदेश में अब जनता नहीं पार्षद ही चुनेंगे महापौर, राज्यपाल ने दी अध्यादेश को मंजूरी प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महापौर के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का फैसला किया था। कमलनाथ सरकार के इस फैसले को राज्यपाल लालजी टंडन से पहले मंजूरी नहीं मिली। सरकार ने इसे अध्यादेश के रूप में पास करवाना चाहा, लेकिन टंडन ने इसे लौटा दिया। इससे राजनीतिक भूचाल आ गया। कल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान उनसे मिलने पहुंचे तो बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भेंट की। इसके बाद मंगलवार सुबह राज्यपाल ने इसे मंजूरी दे दी।
महापौर खुद को दबा हुआ महसूस करेगा नगर निगम चुनाव के प्रदेश प्रभारी कृष्णमुरारी मोघे का कहना है कि अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव की बात गलत है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विसंगति को दूर करने के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराने का फैसला किया था। सभी राजनीतिक दलों ने उसका स्वागत किया था। कांग्रेस उनकी भावनाओं को खत्म करने का काम कर रही है। अप्रत्यक्ष चुनाव में महापौर हमेशा दबा हुआ महसूस करेगा। उसे दबाव में काम करना होगा। खरीद-फरोख्त भी होगी, इंदौर इसका उदाहरण रहा है।