राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए, कहा नहीं जा सकता। ये बात महू के विधायक कैलाश विजयवर्गीय पर भी सटीक बैठ रही है। राष्ट्रीय महासचिव होने के बाद उनका पूरा फोकस दिल्ली की राजनीति पर हो गया था। विधानसभा की जिम्मेदारी अपने बेटे आकाश को सौंप दी थी।
तय माना जा रहा था कि वे अब महू से चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन गत सप्ताह से उनकी सक्रियता ने सबको सकते में डाल दिया। पांच दिन पहले चोखी ढाणी में विजयवर्गीय ने एक बैठक बुलाई थी। इसमें जिला पंचायत, जनपद और महू के सरपंचों के अलावा अफसरों को भी बुलाया था। बैठक में विकास कार्यों की समीक्षा की गई। साफ कर दिया कि काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जिला पंचायत सीइओ नेहा मीणा को निर्देश दिए कि कोई काम किसी विभाग की वजह से अटक रहा है तो उसे सुलझाकर शुरू कराएं। २०० करोड़ रुपए के कामों का भूमिपूजन भी किया। अब ३० सितंबर को महू में भाजपा का एक बड़ा सम्मेलन करने जा रहे हैं, जिसके लिए बेटे आकाश और जिला महामंत्री चिंटू वर्मा जुट गए हैं। करीब १० हजार लोगों को इकट्ठा करने का लक्ष्य है। पंचायत स्तर पर संपर्क भी शुरू कर दिया है।
सक्रियता के मायने
विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होगा। कांग्रेस ने तय किया है कि चुनाव में वे अपने दिग्गज नेताओं को उतारेगी। इसको देखते हुए भाजपा भी रणनीति बना रही है। ऐसे में न चाह कर भी विजयवर्गीय को महू चुनाव लडऩा पड़ सकता है। कुछ नेताओं का तर्क है कि विजयवर्गीय के अलावा महू में कोई चुनाव नहीं जीत सकता और उनके हटते ही पार्टी सीट गंवा देगी।
विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होगा। कांग्रेस ने तय किया है कि चुनाव में वे अपने दिग्गज नेताओं को उतारेगी। इसको देखते हुए भाजपा भी रणनीति बना रही है। ऐसे में न चाह कर भी विजयवर्गीय को महू चुनाव लडऩा पड़ सकता है। कुछ नेताओं का तर्क है कि विजयवर्गीय के अलावा महू में कोई चुनाव नहीं जीत सकता और उनके हटते ही पार्टी सीट गंवा देगी।
कांग्रेसी गांवों पर करेंगे फोकस
टीम विजयवर्गीय ने महू को लेकर रणनीति में बदलाव किया है। अंतिम दौर में पूरा फोकस कांग्रेसी गांव पर कर रहे हैं, जो दो चुनाव में भी नहीं जीत सके। इसके चलते दतौदा में करोड़ों की लागत से नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना से एक पाइप लाइन डाली गई। आसपास के छह गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। ये सभी गांव चुनाव में कांग्रेस की मदद करते हैं।
टीम विजयवर्गीय ने महू को लेकर रणनीति में बदलाव किया है। अंतिम दौर में पूरा फोकस कांग्रेसी गांव पर कर रहे हैं, जो दो चुनाव में भी नहीं जीत सके। इसके चलते दतौदा में करोड़ों की लागत से नर्मदा-शिप्रा लिंक परियोजना से एक पाइप लाइन डाली गई। आसपास के छह गांवों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। ये सभी गांव चुनाव में कांग्रेस की मदद करते हैं।