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सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए कैलाश, यूजर्स बोले- क्या पोहे खाने वाले सभी बांग्लादेशी?

locationइंदौरPublished: Jan 25, 2020 11:03:39 am

कैलाश के विवादित बोल से बवाल
शिवसेना ने भी बयान पर दर्ज कराई आपत्ति

सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए कैलाश, यूजर्स बोले- क्या पोहे खाने वाले सभी बांग्लादेशी?

सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए कैलाश, यूजर्स बोले- क्या पोहे खाने वाले सभी बांग्लादेशी?

इंदौर. विवादित बयानों के कारण आए दिन सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शुक्रवार को अपने गत दिवस दिए अजीब बयान के कारण सोशल मीडिया पर ट्रोल होते रहे। उन्होंने गुरुवार को एक आयोजन में कहा था कि मेरे घर में संदिग्ध बांग्लादेशी मजदूर काम कर रैकी भी कर रहे थे। यह शंका उन्हें मजदूरों के पोहा खाने से हुई थी। यह बयान सामने आने के बाद लोगों ने प्रतिक्रिया में कहा, पोहा खाने से कैसे देश की नागरिकता साबित हो सकती है। क्या पोहा खाने वाले सभी बांग्लादेशी हैं। उनके इस बयान से सियासत तक गर्मा गई।
महाराष्ट्र में शिवसेना ने बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा, यह पोहा खाने वालों का अपमान है। विजयवर्गीय पर तंज कसते हुए शिवसेना की ओर से ट्वीट में लिखा, इंदौर के नेता ने पोहा खाने वालों का अपमान किया है। आखिर पोहा खाने वाले बांग्लादेशी कैसे हैं। वहीं असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर विजयवर्गीय पर निशाना साधते हुए कहा, मजदूरों को पोहा नहीं, सिर्फ हलवा खाना चाहिए, उन्हें तभी भारतीय कहा जाएगा।
सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुए कैलाश, यूजर्स बोले- क्या पोहे खाने वाले सभी बांग्लादेशी?
बयान की बानगी

जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त कैलाश ने कहा था, ‘उनके घर संदिग्ध बांग्लादेशी काम कर रहे थे। छोटे बेटे का विवाह अगले महीने है। उसका कमरा मजदूर तैयार कर रहे थे। जब मैं घर पहुंचा तो पांच-छह मजदूर एक ही थाली में पोहे खा रहे थे। मैंने नौकर को कहा, उन्हें खाना क्यों नहीं दिया तो वह बोला- ये सिर्फ पोहे ही खाते हैं। मैंने मजदूरों से पूछा, कहां से हो तो वे बता नहीं पाए, क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती थी। अगले दिन ठेकेदार से पूछा कि मजदूर कहां के हैं तो उसने कहा कि शायद दूसरे देश के हैं। मैंने पूछा, उन्हें मेरे यहां क्यों लाए तो ठेकेदार ने कहा- वे पैसे कम लेते हैं, सुबह 9 से रात 9 बजे तक काम करते हैं। हम दोनों समय खाना व 300 रुपए देते हैं, जबकि हमारे यहां के मजदूर 600 लेते हैं। जब मैं मंत्री तब साथ में सुरक्षाकर्मी नहीं रखता था, लेकिन अब देश के कई हिस्सों में घुसपैठिए हैं। अब घर से बाहर निकलता हूं तो छह-छह बंदूकधारी साथ रहते हैं, क्योंकि इंदौर में डेढ़ साल से एक आतंकी उनकी रैकी कर रहा था, इसलिए उन्हें सुरक्षा मिली है।’

ऐसे हुए ट्रोल

बीजेपी जब से सत्ता में आई है, भारतीय राजनीति में खाना बहुत महत्वपूर्ण विषय हो गया है। राजनीति के जानकारों, विद्वानों और शोध करने वालों के लिए भोजन का बखान अच्छा विषय हो सकता है। जाइए इस विषय को चुन लीजिए, इससे पहले कि कोई और उठा ले।
– अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस नेता

देश की जो बड़ी समस्यायों बेरोजगारी, महंगाई, अर्थव्यवस्था की खराब हालत पर सरकार की कोई नजर नहीं है। उनकी नजर है, मजदूर क्या खा रहा हैं। वे उसे इससे पहचान लेते हैं कि कौन बांग्लादेशी है, कौन भारतीय है। इस देश को शायद इंटेलिजेंस की जरूरत ही नहीं है। बीजेपी के लोग इतने सक्षम हैं कि कपड़े और खाने से ही पहचान कर लें कि कौन क्या है। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। लगता है, जनता ने इनके हाथ में सत्ता देकर सबसे बड़ी गलती कर दी।
– राशिद अल्वी, कांग्रेस नेता
अमित शाह पोहा खाते हैं। उनके साथी विजयवर्गीय कहते हैं कि पोहा खाने वाले बांग्लादेशी हैं। क्या अब वह शाह को बाहर करने के लिए कैंपेन चलाएंगे या उन्हें सीएए के माध्यम से नागरिकता देंगे?
– प्रशांत भूषण, सीनियर एडवोकेट

ट्विटर पर ट्रेंड

सोशल मीडिया यूजर्स पोहा को लेकर खूब मीम शेयर कर रहे हैं। कुछ यूजर्स ने इसे एनआरसी का समाधान बताया तो कई यूजर्स वीवीएस लक्ष्मण और गौतम गंभीर की वह तस्वीर शेयर कर रहे हैं, जिसमें वे पोहा-जलेबी खाते दिख रहे हैं। इसके अलावा भी लोगों ने कई फनी ट्वीट किए।
क्या पोहा भारतीय नहीं है?

– देवदत्त पटनायक

यदि पोहा खाना बांग्लादेशी होने का सबूत है तो मेरे परिवार सहित आधे भारतीय बांग्लादेशी होंगे।

– निखिल वाघले

इस सोच के हिसाब से इंदौर और पुणे वाले भी बांग्लादेशी ही कहलाएंगे।
– अंशुल

मैं : बांग्लादेश की नागरिकता कैसे हासिल की जा सकती है?
कैलाश : सिर्फ पोहा खाकर

– सादिक शेख

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