बैठक में प्रदेशाध्यक्ष ने सभी जिलाध्यक्षों को आठ दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि मंडलम् और सेक्टर में २५ फरवरी तक नियुक्तियां करें। ऐसा न करने वाले जिलाध्यक्ष दूसरे ही दिन इस्तीफा दे दें। अभी सिर्फ सदस्यता अभियान पर ही फोकस करें। उन्होंने प्रदेश के 52 जिलों में डायरी के जरिए मैन्यूअल और मोबाइल के जरिए डिजिटल दोनों तरह से सदस्य बनाने को कहा। अभियान 31 मार्च तक चलेगा। बैठक में इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सदाशिव यादव और शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल की जगह कोषाध्यक्ष शैलेष गर्ग, प्रवक्ता संजय बाकलीवाल और इम्तियाज बेलिम शामिल हुए। कांग्रेसियों के अनुसार बैठक शुरू होने के बाद बार-बार कहा गया कि सिर्फ जिलाध्यक्ष ही मौजूद रहेंगे, अन्य नेता बाहर हो जाएं। बैठक से बाहर जाने के बजाय ये तीनों नेता बैठक में बैठे रहे।

पत्नी को साथ ले जाकर खींचें फोटो बैठक के दौरान प्रदेशाध्यक्ष ने जहां प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया की क्लास लगाने के साथ दो माह में किए गए कार्यों का ब्यौरा मांग लिया, वहीं एनएसयूआई और अन्य संगठन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने डिजिटल सदस्यता अभियान को लेकर कहा कि हर बूथ पर एक पुरुष और एक महिला नेत्री जाएंगी। अभियान के लिए महिला नेत्रियों को सक्रिय करने की बात जैसे ही नाथ ने कही तो देवास के जिलाध्यक्ष मनोज राजानी बोले- कांग्रेस के पास महिला नेत्रियां हैं कहां? हर जिले में महिला कांग्रेस की क्या हालत है, आप जानते हैं। यह सुन बैठक में मौजूद महिला प्रदेशाध्यक्ष अर्चना जायसवाल के चेहरे पर हवाइयां उडऩे लगी, क्योंकि पिछले दिनों उनके द्वारा की गई नियुक्तियों को लेकर बवाल मचने के साथ पूरा मामला खटाई में पड़ा हुआ है। कुछ जिलाध्यक्षों ने कहा कि बूथ पर डिजिटल सदस्य बनाने के दौरान महिला नेत्री न होने पर पुरुष कार्यकर्ता के किसी महिला का फोटो खींचने पर विरोध और विवाद की स्थिति बनेगी। इस पर कमल नाथ ने कहा कि कार्यकर्ता अपनी पत्नी को साथ लेकर जाएं और महिलाओं को सदस्य बनाएं और फोटो खींचें, लेकिन इस तरह की बहानेबाजी न करें।