कान्ह-सरस्वती नदी सफाई की जिम्मेदारी निगम के 19 जोन पर तैनात जोनल अफसर (जेडओ) को दे रखी है, जो नदी सफाई के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। उन्हें निगमायुक्त आशीष सिंह ने नदी में गिरने वाले ड्रेनेज के पानी को रोकने का काम भी सौंप रखा है। यह काम भी ढंग से नहीं हो रहा। नतीजतन कान्ह-सरस्वती नदी सफाई के बावजूद गंदी नजर आती है।
दोनों नदी किनारे ऊंची-ऊंची जाली लगाई गई, ताकि लोग कचरा नहीं डाल सकें। स्वच्छता सर्वेक्षण का प्रचार-प्रसार करने के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग लगा दिए गए। इसकी आड़ में लोग फिर से कान्ह में कचरा डालने लगे हैं।
शहर की नदियों के संरक्षण के लिए किए जाने वाले कार्यों के संबंध में एनजीटी के आदेश के परिपालन में समिति का गठन किया गया है। इसकी निगरानी में नदी के गहरीकरण, साफ-सफाई, पौधारोपण व सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना है। इसके लिए विभिन्न संबंधित विभागों को कार्ययोजना बनाना है। नदी से गाद निकालकर उसके गहरीकरण करने, पौधारोपण व सौंदर्यीकरण का कार्य 18 किमी लम्बाई में होना है। सरस्वती नदी पर यह काम निगम, इन्दौर विकास प्राधिकरण, जल संसाधन, वन विभाग, टीएनसीपी आदि विभागों को सौंपा गया है।
कान्ह-सरस्वती नदियों के निरीक्षण के दौरान कई जगह जलकुंभी नजर आ रही है। यह जलकुंभी कहां से और कैसे आ रही है, इसकी जांच करवाई जा रही है ताकि इन्हें जड़ से खत्म किया जा सके। अभी नदी में से जलकुंभी साफ करने के लिए संबंधित अफसरों को निर्देशित किया जा रहा है।
– आशीष सिंह, निगमायुक्त