scriptकान्ह नदी में जलकुंभी का जाल | Kanah river full with water hyacinth | Patrika News

कान्ह नदी में जलकुंभी का जाल

locationइंदौरPublished: Apr 15, 2019 11:27:24 am

Submitted by:

Uttam Rathore

नगर निगम के सामने नई मुसीबत और नदी में पानी के साथ बह रहा कचरा

Kanh River

कान्ह नदी में जलकुंभी का जाल

इंदौर. कान्ह नदी की सफाई कर रही नगर निगम के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। सफाई के बाद नदी के कई हिस्सों में जलकुंभी प्रकट हो रही है। कान्ह में पानी की जगह कचरा और जलकुंभी बह रही है, जो नदी सफाई के काम को पलीता लगा रही है। निगम का तर्क है कि यह जलकुंभी बिजलपुर तालाब से बहकर आ रही है।
एक तरफ जहां साफ-सफाई के चलते शहर की सड़कें चकाचक नजर आ रही हैं, वहीं शहर के बीच बहने वाली कान्ह नदी कचरे और जलकुंभी से भरती जा रही है। इस कारण कान्ह नदी में गंदगी और जलकुंभी की हरियाली नजर आती है। निगम के जिम्मेदार अफसरों का इस ओर ध्यान नहीं है। सफाई के बावजूद नदी की हालत खराब है। कान्ह के साथ सरस्वती की भी यही स्थिति है। कान्ह नदी की सफाई के बाद आ रही जलकुंभी को लेकर निगम अफसरों का तर्क है कि बिजलपुर तालाब में मछली पालन करने वाले जलकुंभी का बीज डालते हैं, जो कि तालाब ओवरफ्लो होने की वजह से कान्ह-सरस्वती में आ जाती है। सवाल है कि नदी में जलकुंभी आने पर निगम साफ क्यों नहीं करवा रहा? मामले में जिम्मेदारों का कहना है कि सफाई होती है। जलकुंभी को खत्म करने के लिए केमिकल भी डाला गया, लेकिन मछली पालने वाले फिर से बीज डाल देते हैं। जलकुंभी मछलियों का भोजन है। दरअसल, शहर में बहने वाली कान्ह और सरस्वती नदी की सफाई करने का काम लंबे समय से चल रहा है, लेकिन मूर्त रूप नहीं ले पा रहा। निगम के ढीलपोल रवैये के चलते कई दिनों से काम रुका पड़ा है, जबकि निगम ने नदी सफाई का काम दिसंबर 2019 तक पूरा करने का दावा किया है।
जेडओ को दे रखी जिम्मेदारी
कान्ह-सरस्वती नदी सफाई की जिम्मेदारी निगम के 19 जोन पर तैनात जोनल अफसर (जेडओ) को दे रखी है, जो नदी सफाई के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। उन्हें निगमायुक्त आशीष सिंह ने नदी में गिरने वाले ड्रेनेज के पानी को रोकने का काम भी सौंप रखा है। यह काम भी ढंग से नहीं हो रहा। नतीजतन कान्ह-सरस्वती नदी सफाई के बावजूद गंदी नजर आती है।
जाली लगाने के बावजूद फेंका जा रहा कचरा
दोनों नदी किनारे ऊंची-ऊंची जाली लगाई गई, ताकि लोग कचरा नहीं डाल सकें। स्वच्छता सर्वेक्षण का प्रचार-प्रसार करने के लिए बड़े-बड़े होर्डिंग लगा दिए गए। इसकी आड़ में लोग फिर से कान्ह में कचरा डालने लगे हैं।
18 किलोमीटर तक की प्लानिंग
शहर की नदियों के संरक्षण के लिए किए जाने वाले कार्यों के संबंध में एनजीटी के आदेश के परिपालन में समिति का गठन किया गया है। इसकी निगरानी में नदी के गहरीकरण, साफ-सफाई, पौधारोपण व सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना है। इसके लिए विभिन्न संबंधित विभागों को कार्ययोजना बनाना है। नदी से गाद निकालकर उसके गहरीकरण करने, पौधारोपण व सौंदर्यीकरण का कार्य 18 किमी लम्बाई में होना है। सरस्वती नदी पर यह काम निगम, इन्दौर विकास प्राधिकरण, जल संसाधन, वन विभाग, टीएनसीपी आदि विभागों को सौंपा गया है।
कहां से व कैसे आ रही, कर रहे पड़ताल
कान्ह-सरस्वती नदियों के निरीक्षण के दौरान कई जगह जलकुंभी नजर आ रही है। यह जलकुंभी कहां से और कैसे आ रही है, इसकी जांच करवाई जा रही है ताकि इन्हें जड़ से खत्म किया जा सके। अभी नदी में से जलकुंभी साफ करने के लिए संबंधित अफसरों को निर्देशित किया जा रहा है।
– आशीष सिंह, निगमायुक्त
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