टीआई परदेशीपुरा राजीव त्रिपाठी ने बताया, 9 नवंबर को जीवन की फैल निवासी प्रकाश कासोटिसा (४०) ने रात ११ बजे थाने आकर बेटे हर्षद (१३) के लापता होने की शिकायत की। उन्होंने मोहल्ला निवासी सूरज पिता नारायण सिंह, उसके भाई श्यामू, हेमू, दीपक पिता महेश, उसके भाई पंकज, युवराज व करण पिता मुन्ना पर शंका जताई। हरकत में आई पुलिस ने सभी संदेहियों की तलाश की तो वे घर पर ही मिले। उन्होंने पूछताछ में बच्चे के अपहरण से इनकार किया।
पुलिस ने प्रकाश से पूछताछ की, तो उसने घटना वाले दिन शाम को बेटे को एक टाइपिंग क्लास पर छोडक़र मालवीय नगर में मौसी के घर जाने की बात बताई। जांच की तो वह मौसी के घर नहीं गया था। शहर में लगे सिटी सर्विलांस कैमरे देखे तो उसमें हर्षद पिता प्रकाश के साथ ही नजर आया। जांचे के बाद शनिवार को पुलिस ने बच्चे को स्कीम ७८ से बरामद कर मनोवैज्ञानिक रूप से बात की, तो उसने पूरी घटना बता दी।
झूठी रिपोर्ट लिखाने का केस दर्ज
9 नवंबर की सुबह प्रकाश के परिवार का पड़ोसी महेश से विवाद हो गया। महेश की कार प्रकाश के ससुराल के बाहर खड़ी रहने से उन्हें आने-जाने में परेशानी होती। विवाद के चलते पुलिस भी पहुंची व कार को हटवा दिया। इसी के बाद प्रकाश ने पड़ोसी को फंसाने के लिए साथ काम करने वाले रामलाल विश्वकर्मा व किशोर मेहरा को दो दिन के लिए बच्चे को अपने घर में रखने के लिए कहा और थाने आकर अपहरण की रिपोर्ट लिखवा दी। पुलिस ने प्रकाश को हिरासत में लिया है, उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का केस दर्ज किया जा रहा है।
9 नवंबर की सुबह प्रकाश के परिवार का पड़ोसी महेश से विवाद हो गया। महेश की कार प्रकाश के ससुराल के बाहर खड़ी रहने से उन्हें आने-जाने में परेशानी होती। विवाद के चलते पुलिस भी पहुंची व कार को हटवा दिया। इसी के बाद प्रकाश ने पड़ोसी को फंसाने के लिए साथ काम करने वाले रामलाल विश्वकर्मा व किशोर मेहरा को दो दिन के लिए बच्चे को अपने घर में रखने के लिए कहा और थाने आकर अपहरण की रिपोर्ट लिखवा दी। पुलिस ने प्रकाश को हिरासत में लिया है, उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने का केस दर्ज किया जा रहा है।