script10 लाख के लिए अपहरण, नानी बिलखते हुए बोलीं- फूल सा है मेरा अक्षत, किसकी नजर लग गई ! | kidnapping of child for rupees in indore | Patrika News

10 लाख के लिए अपहरण, नानी बिलखते हुए बोलीं- फूल सा है मेरा अक्षत, किसकी नजर लग गई !

locationइंदौरPublished: Feb 11, 2019 04:32:00 pm

10 लाख के लिए अपहरण, बिलखते हुए नानी बोलीं- फूल सा है मेरा अक्षत, किसकी नजर लग गई !

akshat

10 लाख के लिए अपहरण, नानी बिलखते हुए बोलीं- फूल सा है मेरा अक्षत, किसकी नजर लग गई !

लखन शर्मा के साथ अजय तिवारी. इंदौर. हीरानगर थाना क्षेत्र की प्राइम सिटी कॉलोनी में किराना दुकान चलाने वाले रोहित जैन के छह वर्षीय बेटे अक्षत के अपहरण के बाद अब तक पुलिस खाली हाथ है। रोहित, उनकी पत्नी शिल्पा व अन्य परिजन सहित प्राइम सिटी कॉलोनी के रहवासी रातभर से नहीं सोए और अपने स्तर पर सभी अक्षत को ढूंढऩे का प्रयास कर रहे हैं। नानी रोते हुए बोलीं- हमारा अक्षत फूल-सा है, सकुशल आ जाए।
akshat-2
मां शिल्पा का रो-रोकर बुरा हाल है। कॉलोनी की महिलाएं व परिजन समझा रहे हैं। वह भी भगवानभरोसे हैं और हर जतन कर रही हैं। किसी ने अक्षत के कपड़े दबवाए हैं तो कोई देवी-देवताओं का पाठ करवा रहा है। पुलिस ने चार टीमें बनाई हैं। पुलिस ने रोहित से जिन चार लोगों का लेन-देन था, उन्हें बुलाकर पूछताछ की। इनमें से दो शहर से बाहर हैं तो दो से कुछ अहम् सुराग नहीं लगे हैं। जो लोग बाहर हैं, उन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है। उधर एएसपी प्रशंात चौबे ने बताया कि टीमें बनाकर बाहर भेज दी गईं हैं, हमारी कोशिश है जल्द ही अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया जाएगा।
akshat-3
घर पर लगा परिजन का जमावड़ा

अक्षत के अपहरण की सूचना उसके परिजनों ने अशोक नगर में रहने वाले नाना-नानी को दी तो वे भी रात में ही वहां से निकल गए और अलसुबह इंदौर पहुंचे। नाना राजेंद्र कुमार जैन, नानी साधना जैन के साथ अक्षत की मौसी अशोक नगर से आई हैं। वे भी सुबह आते ही बिलखने लगीं। सभी अक्षत के सकुशल आने की प्रार्थना कर रहे हैं। नानी साधना जैन रो -रोकर कहती रहीं कि फूल सा बच्चा है हमारा, उसे किसी की नजर लग गई। वह सकुशल आ जाए, हमें और कुछ नहीं चाहिए।
बगीचे में कोई नहीं गया

इधर, कल जिस बगीचे से अक्षत का अपहरण हुआ वहां आज सुबह आरएसएस की शाखा तो लगी, लेकिन मोहल्ले के अन्य बच्चे नहीं पहुंचे। यहां एकत्रित हुए लोग भी यही बात करते रहे कि अब बच्चों को बगीचे में लाओ तो साथ में और साथ में ही ले जाओ। अक्षत के बारे में भी लोग यही बताते रहे कि वह मिलनसार है और अधिकांश रहवािसयों के घर आता चला जाता था। वह काफी चंचल किस्म का है जिसका अपहरणकर्ताओं ने फायदा उठाया।
…इसलिए पुलिस कर रही परिचित पर शंका

इधर, पुलिस जांच में सामने आया है कि अक्षत का अपहरण किसी परिचित ने ही किया है, जिसके पीछे कारण यह है कि घटना के महज कुछ मिनटों बाद रोहित को फिरौती का फोन लगा दिया गया, जबकि प्रोफेशनल बदमाश ऐसा नहीं करते। दूसरा बच्चे को नाम लेकर गार्डन से बुलाया, वह भी उस समय जब उसका बड़ा भाई उसे छोडक़र घर पहुंचा ही था। तीसरा यह कि अपहरणकर्ताओं ने अक्षत को दादी द्वारा बुलाने की बात कही, जिससे उन्हें पता था कि घर में दादी रहती है और अक्षत उनका नाम लेते ही आ जाएगा। साथ ही रोहित कि आर्थिक स्थिति भी इतनी अच्छी नहीं है कि वह १० लाख रुपए दे सके या उसके घर या बैंक में इतने रुपए रहते हों। ऐसे में पुलिस इन्हीं तथ्यों के कारण परिचित या आसपास से जुड़े किसी शख्स पर शक कर रही है। जिसे परिवार की पूरी जानकारी हो। मामले में उसके ही शामिल होने की शंका अधिक है।
कॉलोनी में 400 घर, अधिकतर में जैन परिवार

इधर, पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को पकडऩे के लिए चार टीमें बना दी हैं। दो टीमें बाहर गई हैं तो दो शहर के बदमाशों पर नजर रखे हुए हैं और पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने सुबह से अक्षत के पिता रोहित को भी थाने पर बैठा रखा है, जिनसे पुराने विवाद, लेन-देन सहित कोई रंजिश तो नहीं है इस बारे में पूछताछ की जा रही है। इधर, मोहल्ले के लोगों का कहना है कि कॉलोनी में लगभग 400 घर हैं, जिनमें से अधिकांश में जैन परिवार के लोग रहते हैं। रोहित का कॉलोनी में भी कभी किसी से विवाद नहीं हुआ और वह मिलनसार था। ऐसे में लग रहा है कि अपहरणकर्ता बिना जान-पहचान के हैं और अक्षत से मोबाइल नंबर पूछकर उन्होंने फोन लगाया है। पुलिस इस दिशा में भी काम कर रही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो