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गाड़ी का फर्जी रजिस्टे्रशन करने के नाम पर आरटीओ मेें चली थी चाकू, अब होगी कार्रवाई

locationइंदौरPublished: May 25, 2018 04:43:31 pm

Submitted by:

nidhi awasthi

रजिस्ट्रेशन फर्जी होने को लेकर एएसपी करेंगे जांच

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गाड़ी का फर्जी रजिस्टे्रशन करने के नाम पर आरटीओ मेें चली थी चाकू, अब होगी कार्रवाई

इंदौर. आरटीओ परिसर में बुधवार को हुई चाकूबाजी को लेकर पुलिस अफसर सख्ती की तैयारी में हैं। विवाद की मुख्य वजह फर्जी तरीके से गाड़ी का रजिस्ट्रेशन करवाने की है। एएसपी को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है, इसमें आरटीओ कर्मचारी दोषी निकले तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
चाकूबाजी की घटना में घायल रणजीत ने बयान में कहा है कि उसने अपनी स्कॉर्पियो के नाम ट्रांसफर के लिए कोई पेपर साइन नहीं किए। इसके बाद भी उसकी गाड़ी आरोपित कृष्णा के नाम पर ट्रांसफर हो गई। आरटीओ में कोई गिरोह सक्रिय है, जो फर्जी तरीके से गाड़ी ट्रांसफर कर रहा है। इसके बाद एसपी अवधेश गोस्वामी ने जांच के लिए एएसपी प्रशांत चौबे को निर्देश दिए हैं। चौबे पता करेंगे कि बिना साइन के गाड़ी ट्रांसफर कैसे हो गई। आरोपित के पकड़ाने पर उससे पूछताछ की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है मामले की जांच में बड़े गिरोह का खुलासा होगा। टीआई को लेकर भी जांच की जा रही है। दर्ज केस में फर्जी तरीके से गाड़ी ट्रांसफर होने का जिक्र नहीं किया तथा मुख्य वजह पुराना विवाद बताया है। एसपी अवधेश गोस्वामी ने कहा, मामले की जांच में अगर आरटीओ कर्मचारी या एजेंट की मिलीभगत सामने आती है, तो उन पर केस दर्ज किया जाएगा।
आरोपितों की तलाश
चाकूबाजी करने वाले पिता-पुत्र व साथियों की पुलिस तलाश कर रही है। सीसीटीवी कैमरे में आरोपित भागते हुए नजर आए। मकान सौदे के बकाया ९ लाख रुपए को लेकर विवाद चल रहा था। आरटीओ से पुलिस गाड़ी ट्रांसफर के दस्तावेज जब्त करेगी। आरटीओ परिसर में द्वारकापुरी निवासी रणजीत वर्मा, भाई रवि व जितेंद्र पर चाकू से हमला किया था।
इसलिए हुआ विवाद
दोनों पक्षों में विवाद की शुरुआत द्वारकापुरी के कृष्णा के मकान को लेकर हुई। मकान रणजीत के परिवार ने खरीदा। उसकी रजिस्ट्री हो गई। इस सौदे के एवज में कृष्णा ९ लाख रुपए बकाया होने की बात कह रहा है। इसके चलते रणजीत की स्कॉर्पियो गाड़ी उसने ली थी। ९ मई को गाड़ी कृष्णा के नाम पर ट्रांसफर भी हो चुकी है। इसी जानकारी के बाद विवाद शुरू हुआ। रणजीत का कहना है कि उसने गाड़ी ट्रांसफर करने के पेपर पर साइन नहीं की। वह लोग इसी पर आपत्ति लगाने के लिए पहुंचे थे। चाकूबाजी में कृष्णा, उसका भाई वीरू व पिता छोटू शामिल है। वहीं विनोद व मंगल मददगार की भूमिका के साथ अपनी कार से उन्हें लेकर भाग निकले थे। विनोद अपने परिवार की बीयर बार संभालता है।
आरटीओ की जांच
आरटीओ अधिकारियों ने मामले में जांच-पड़ताल शुरू करते हुए यह पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी है कि यदि वाहन बेचा गया है तो दोनों पक्षों के पास ही रजिस्ट्रेशन कार्ड कैसे पहुंचा। वाहन ट्रांसफर प्रक्रिया को लेकर परिवहन विभाग जांच में जुट गया है। एआरटीओ अर्चना मिश्रा ने बताया, वाहन के रजिस्ट्रेशन से पूर्व क्रेता-विके्रता पक्ष दोनों के साइन लिए जाते हैं। साथ ही वाहन बेचने से पूर्व अन्य दस्तावेज जैसे फोटो, परिचय पत्र आदि भी लिए गए। हमारे रिकॉर्ड में लिए जाने वाले इन सभी दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि जो वाहन बेचने के बाद पुराने रजिस्ट्रेशन कार्ड को डिएक्टिवेट कर विभाग में जमा करवाया गया था या नहीं।
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