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जानिए जब पेड़ कटते है तो क्या होता है

locationइंदौरPublished: Sep 21, 2018 02:04:36 pm

Submitted by:

amit mandloi

शाम को जब परिंदे घर लौटे तो उजड़ा मिला आशियाना

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जानिए जब पेड़ कटते है तो क्या होता है

इंदौर. मैं एक पक्षी हूं और आपकी ही तरह इस शहर का हिस्सा। फिर भी आपकी नजरों से बहुत दूर। वर्षों से शहर का मध्यक्षेत्र हम सबका ठिकाना रहा। रानी सराय, रीगल चौराहा, धेनू मार्केट, पत्थर गोदाम और महारानी रोड पर लगे सैकड़ों पेड़ ही हमारा बसेरा हैं। जिन चार पेड़ों से गुरुवार सुबह हमने उड़ान भरी थी, वे लौटने पर कहीं नजर नहीं आए। आपकी सुविधा के लिए हमारा आशियाना उजड़ गया। पता चला है महारानी रोड पर पेड़ काटकर यहां पर एस्केलेटर मशीन लगाई जा रही है। मशीन से आपको चंद कदम सीढिय़ों पर चढऩे की जहमत नहीं उठाना पड़ेगी।

रेलवे स्टेशन पर पार्किंग विस्तार का खमियाजा परिंदों को भुगतना पड़ा। विकास के नाम पर फिर चार पेड़ काट दिए गए। ये पेड़ थे, जिन पर सैकड़ों परिंदों का बसेरा था। सुबह उन पर चहचहाहट गूंज रही थी। दोपहर में पेड़ पर आरी चली और सबकुछ तबाह हो गया। शाम को जब परिंदे लौटे तो उन्हें कहीं अपना आशियाना नजर ही नहीं आया। वे देर तक आसमान के चक्कर काटते रहे। बाद में रेलवे स्टेशन के ऊपर झूलते तारों पर बैठकर देर तक उसी तरफ देखते रहे। उस वक्त पक्षियों ने क्या महसूस किया होगा।
पर्यावरण प्रेमी जफर शेख बताते हैं, मैं 30 वर्षों से महारानी रोड पर निवासरत हूं। मेरे घर के ठीक सामने स्टेशन पार्किंग में खड़े नीलगिरी (यूकेलिप्टस) के इन चार पेड़ों को शुरू से ही देख रहा हूं। सुबह सैकड़ों की तादाद में तोते, कबूतर सहित अन्य पक्षी उड़ान भरते थे और शाम होते ही चहचहाते हुए वापस इन पर आकर बैठ जाते थे। गुरुवार को जैसे ही पेड़ों को कटता देखा मैं छटपटाकर घर से बाहर निकलकर स्टेशन पहुंच गया, लेकिन जब तक मैं पहुंचा देर हो चुकी थी। रेलवे प्रबंधन को कटाई रोकने की गुहार भी लगाई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।

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