इंदौर। युवा सोच अपनी दम पर पूरे समाज और विश्व में बदलाव ला सकता है। स्वामी विवेकानंद के यह कथन इंदौर की एक लड़की ने सच कर दिखाए। बीते साल एक लड़की जो बचपन से ही खुद को लड़का मानती थी उसने मेडिकल साइंस की हेल्प लेकर खुद का भविष्य ही बदल दिया। मन में शारीरिक रूप से भी लड़का बनने की जबरदस्त चाह रखने वाली लड़की 27 साल तक खुद से लड़ती रही। ये सॉफ्टवेयर इंजीनियर फाइनली कोमल से कबीर बन चुकी हैं। 10 महीनों में 4 सर्जरी करवाकर डॉक्टर्स ने कोमल को पूरी तरह से लड़का बना दिया था।
कोमल इंदौर के बिजनेसमैन संतोष गवलानी की सबसे बड़ी बेटी हैं जो कि अब बेटा बन चुकी हैं। बता दें कि कबीर यानी पहले की कोमल को बचपन से ही लगता था कि कुछ गड़बड़ तो जरूर है। वे बचपन से ही लड़कियों की तरह के चाल-चलन और कपड़े पहनना पसंद नहीं था। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने टीसीएस ज्वॉइन किया और बस अपनी बचपन की इच्छा मन में ही दबाए रखी। लेकिन जब सब्र का बांध टूटा तो उन्होंने इस बारे में घर पर बात की।
शादी का रिश्ता आया तो पापा को बताई हकीकत
कोमल से कबीर बनने के पीछे का डिसीजन तब लिया गया जब उनके घर शादी का रिश्ते आने लगे। कबीर बताते हैं कि जैसे ही उनके माता-पिता शादी की बात करते थे वे वहां से उठकर चले जाते थे। इसी बीच कबीर ने नेट पर अपनी इस उलझन के बारे में सर्च किया तब उन्हें पता चला कि उनके जैसे कई लोग इस दुनिया में हैं। तब मुझे सेक्स रिअसाइन्मेंट सर्जरी का पता चला। इसके बाद मैंने पापा से इस बारे में बात की। पापा ने भी इस बात को समझा और मेरा साथ दिया।
10 महीने के समय में हुईं 4 सर्जरी
मम्मी-पापा की सहमति के बाद फोर्टिस हॉस्पिटल दिल्ली की डॉ. रिची गुप्ता और रजत गुप्ता ने प्रक्रिया के अनुसार सबसे पहले कोमल की साइक्लोजिकल काउंसलिंग करवाई। मनोवेज्ञानिक चिकित्सक द्वारा जेंडर आईडेंटिटी डिसऑर्डर सर्टिफाइड करने के बाद कोमल की हार्मोन थेरेपी शुरू हुई। इसके बाद टॉप सर्जरी हुई जिसमें डॉक्टर्स ने उनके ब्रेस्ट हटाए। एक और सर्जरी में महिला अंग निकालकर प्राइवेट पार्ट इम्प्लांट किया गया। 4 सर्जरी के बाद कोमल का सेक्स चेंज हो गया और वो कबीर बन गया।