कोटा का रियासतकालीन चिडि़याघर केन्द्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण के मापदण्डों पर खरा नहीं उतरता। इसका आकार काफी छोटा है, वहीं इसमें वन्यजीवों के बाड़े भी छोटे हैं। इन स्थितियों के चलते प्राधिकरण चिडि़याघर को स्थाई मान्यता नहीं देता। प्रस्तावित बायोलॉजिकल पार्क के निर्माण तक आवश्यकता के अनुसार अस्थाई तौर पर मान्यता बढ़ाई जाती है।
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