15 अगस्त के विशेष भोज में बच्चों को खीर-पूड़ी और आलू, छोले की सब्जी देना थी। इसके साथ ही मीठे में लड्डू देना थे, लेकिन यह काम देख रहे मन्ना ट्रस्ट ने कई स्कूलों में विद्यार्थी संख्या से कम लड्डू वितरित किए और रसीद पर साइन करवा लिए। इस मामले में ट्रस्ट का कहना है कि मैपिंग न होने से ऐसा हुआ, जबकि कई स्कूल ऐसे भी हैं, जहां लड्डू कम पडऩे पर दोबारा भिजवाए गए।
यहां हुई गड़बड़ माध्यमिक विद्यालय हिंदी क्रमांक 39 में 57 विद्यार्थियों का नामांकन है । 15 अगस्त पर सभी विद्यार्थी स्कूल आए थे, लेकिन ट्रस्ट कर्मचारी 43 लड्डू ही देकर गए। इसी तरह हिंदी प्रावि 29 में 70 से अधिक बच्चे थे, लेकिन लड्डू सिर्फ 40 ही दिए। उर्दू मावि क्रमांक 30 जूना रिसाला में 42 बच्चों का नांमाकन है, लेकिन 14 लड्डू ही दिए। प्रावि कंडीलपुरा में 60 से अधिक बच्चों के लिए करीब 35 लड्डू दिए गए।
तो भी कम नहीं पड़ते मामले में ट्रस्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि पिछले साल की मैपिंग के अनुसार लड्डू बांटे गए, जबकि जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर ने बताया कि अगर पिछले साल की मैपिंग के अनुसार भी लड्डू बांटते तो कम नहीं पड़ते, क्योंकि नामांकन तो वही रहता है। इस शिक्षा सत्र की मैपिंग चल रही है, जो 30 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी।
हां, हमने कम भेजे थे हमने लड्डू पिछले साल की मैपिंग के अनुसार बनवाए थे, लेकिन स्कूल में नए नामांकन होने के कारण लड्डू कम पड़ गए। कुछ स्कूलों में दोबारा लड्डू भेजे गए। सभी स्कूलों में मौजूदा छात्र संख्या के हिसाब से लड्डू बांटना संभव नहीं था।
मुकेश कासलीवाल, ट्रस्ट सुपरवाइजर
मुकेश कासलीवाल, ट्रस्ट सुपरवाइजर