विधायक मालिनी गौड़ हस्तक्षेप के बाद में ङ्क्षसधी कॉलोनी स्थित स्वामी प्रीतमदास सभागृह कल से योग करने वाली महिलाओं के लिए खोल दिया गया है, जिसको लेकर वे आठ माह से इंतजार कर रही थीं। इसमें भी विधायक को रौद्र रूप दिखाना पड़ा। इस बीच में एक नई कहानी और भी सामने आई, जिसने सभागृह से जुड़े कई लोगों की जमीन हिला दी। कहानी ये सामने आई है कि स्वामी प्रीतमदास पारमार्थिक ट्रस्ट ने एक बड़ा दांव खेला है। उसने एक प्रस्ताव बनाकर मध्यप्रदेश शासन के नगरीय प्रशासन व आवास मंत्री भूपेंद्रङ्क्षसह को दिया था। उसके अनुसार ट्रस्ट चाहता है कि उसे सभागृह लीज पर दे दिया जाए। चौंकाने वाली बात ये है कि इतनी महत्वपूर्ण निगम की संपत्ति के लिए मंत्री ङ्क्षसह के यहां से एक पत्र नगर निगम को भी जारी हो गया है, जिसमें जांच कर आगे की कार्रवाई करने के संकेत दिए गए हैं। ऐसा हो गया तो एक बार फिर सभागृह पर ट्रस्ट का एकतरफा कब्जा हो जाएगा, जो नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने कुछ माह पहले ही खत्म किया था।
गौरतलब है कि 12 साल पहले नगर निगम की जमीन पर ट्रस्ट ने भवन निर्माण किया था। शर्तों के हिसाब से नगर निगम के सात और ट्रस्ट के छह प्रतिनिधि मिलकर उसका संचालन करेंगे, लेकिन सालभर पहले तक ट्रस्ट ही संचालित कर रहा था क्योंकि निगम अफसरों को होश नहीं था। पाल के रवैये के बाद नियम से सभागृह संचालित होने लगा है, जिसमें अब ट्रस्ट ने नया दांव खेल दिया। मजेदार बात ये भी है कि ट्रस्ट की तरफ से बनाए गए सदस्यों में मंत्री तुलसीराम सिलावट व वरिष्ट भाजपाई कृष्णमुरारी मोघे को भी लिया गया ताकि निगम अफसरों को दबाया जा सके। इधर, ट्रस्ट के कुछ संचालकों के विरोधियों ने भी मैदान पकडऩे की तैयारी कर ली है।