एमजी रोड स्थित हालिया कोर्ट भवन परिसर के बाहर अनशन पर बैठे एडवोकेट विशाल रामटेके की मांग है कि प्रदेश सरकार के 17 से 23 दिसंबर के बीच शीतकालीन सत्र में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को हरी झंडी दी जाए। वकीलों की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट की मांग लंबे समय से की जा रही है।
एक साल बीतने पर भी नहीं बदली स्थिति 2012 में पहली बार तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक्ट लागू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इस पर काम नहीं हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में वकीलों की सुरक्षा से जुड़ा एक्ट लागू करने की बात कही थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी वही स्थिति है। पीपल्याहाना तालाब के पास नई कोर्ट भवन का भी विरोध लगातार किया जा रहा है। वकीलों का कहना है एमजी रोड से कोर्ट शिफ्ट होने से वकीलों के साथ पक्षकारों को भी परेशानी होगी। कोर्ट बनने से तालाब खत्म हो जाएगा। नए कोर्ट भवन बनाने में एनजीटी के आदेशों का भी पालन नहीं किया जा रहा है।
डॉक्टर कर रहे हैं जांच रामटेके के अनशन को देखते हुए पिछले तीन दिन से रोड सुबह एवं शाम को उनकी डॉक्टरों द्वारा जांच की जा रही है। बुधवार को एसडीएम आए थे और विशाल की एडीएम से चर्चा कराई थी। विशाल ६ दिसंबर को सुबह ११ बजे से अनशन पर बैठे हैं और अन्न व जल नहीं ले रहे हैं। पहले भी वे इन मुद्दों को लेकर अनशन कर चुके हैं।