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स्मार्ट शहर की बैठक में मोबाइल पर मशगूल नेता

locationइंदौरPublished: Nov 15, 2017 07:08:58 pm

Submitted by:

amit mandloi

ऐसा पहली बार नहीं हुआ, पूरी बैठक में लडऩे रहे नेता, कई कारपोरेट बैठक में केवल हस्ताक्षर कर चले गए

nagar nigam indore smart city
इंदौर. पांच माह बाद मंगलवार को गांधी हॉल में हुई निगम परिषद की बैठक की शुरुआत हंगामे से हुई। इस दौरान आवारा कुत्तों, स्वच्छता के बाद भी बढ़ती बीमारियों और गंदे पानी को लेकर अफसरों की जमकर घेराबंदी की गई। पार्षदों ने अफसरों की लालफीताशाही पर सवाल खड़े किए।
भाजपा पार्षद दल के सचेतक भगवानसिंह चौहान, पार्षद राजेश शुक्ला, सुरेंद्रसिंह छाबड़ा ने शिकायत की कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते। चौहान ने अफसरों द्वारा बजट खत्म होने की बात कहकर अधूरी सडक़ छोडऩे की बात रखी। छाबड़ा ने कहा, सीएसआई कहते हैं, लगेगा तो मिलूंगा, वरना क्यों मिलूं? शुक्ला ने पथविक्रेता के कार्ड के बाद भी रिमूवल गैंग द्वारा ठेला चालकों को पकड़े जाने का मामला उठाया।
पार्षद टीनू जैन ने कहा, कुत्तों की ज्यादा से ज्यादा नसबंदी कर हम उनकी आबादी पर कंट्रोल कर सकते हैं। अभी हम 40 कुत्तों की नसबंदी कर पाते हैं, इसकी संख्या बढ़ाकर 150 करना चाहिए।

बीमारियों पर ध्यान दें
अंसाफ अंसारी ने कहा, बीमारियों पर नियंत्रण के लिए नीति बनाई जाए। कविता खोवाल ने एमपीसीए की पार्किंग की जमीन पर बने प्रशासकीय भवन का मुद्दा उठाया। इस पर योजना शाखा प्रभारी सुधीर देडग़े ने कहा, एमपीसीए को जो बिल्डिंग परमिशन दी थी, उसमें ये जगह पार्किंग के लिए तय है। स्टेडियम में पार्किंग की जगह होना चाहिए या नहीं, इसका नियम नहीं है।

ऐसे चला सवाल-जवाब का दौर
रूबिना खान : मटन दुकानों को लाइसेंस क्यों नहीं दे रहे? जिन वार्डों में कर्मचारी कम हैं, वहां सफाई नहीं होती?
जवाब (दिलीप शर्मा) : थाने से एनओसी के बाद लाइसेंस का प्रावधान है। कई लोगों को एनओसी दी गई है। सफाई के लिए जहां जरूरत है, वहां महापौर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए निर्देश देती हैं।
फौजिया अलीम : बिलावली तालाब में अतिक्रमण क्यों नहीं हटाए जा रहे हैं?
जवाब (बलराम वर्मा) : तालाब का सर्वे प्रशासन ने करवाया है। डूब क्षेत्र में कोई अतिक्रमण नहीं है।
अनिता तिवारी : शहर में गंदे पानी की सप्लाय रोकने के लिए निगम की क्या कार्ययोजना है?
जवाब (बलराम वर्मा) : गंदे पानी की समस्या पर तुरंत कार्रवाई करते हैं। 83 लीकेज सुधारने पर 29.20 लाख खर्च हुए।
(इस पर अनिता तिवारी ने बीच में ही टोकते हुए गंदे पानी की बोतल सामने रख दी कि ये गंदा पानी आ रहा है, लेकिन जनता की बात सुनने को कोई तैयार नहीं है।

ये भी आए सुझाव
जिनकी जमीनों पर पुराने कुएं हैं, उन्हें बंद न करें।
एमआर-11 का काम जल्द शुरू करें।
वैलोसिटी के सामने फुट ओवरब्रिज बनाया जाए।
रिसाइकिल होने वाले कचरे को निगम एनजीओ के माध्यम से खरीदे।
तोड़ा स्थित छत्रियों का जीर्णोद्धार हो।
3-4 वार्डों को मिलाकर एक हाईड्रेंड बनाया जाए, ताकि पानी के टैंकरों के समय और ईंधन की बचत हो।
जब हम समग्र स्वच्छता कर ले रहे हैं तो मोबाइल टॉयलेट पर शुल्क क्यों लिया जा रहा है?
ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाए।
तिलकनगर से रिंग रोड की लिंक रोड का काम शुरू किया जाए।
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