नदी किनारे से लेंगे पानी
नर्मदा फेज-3 के लिए सबमर्ज सेंट्रीफ्यूगल पंप क्षमता 92 एमएलडी संख्या-2 सेट की आपूर्ति एवं स्थापना का काम होगा। इस पर लगभग 2 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च होंगे। इस काम के होने से नर्मदा तीसरे चरण को पूर्ण क्षमता से चलाया जा सकेगा, क्योंकि 360 एमएलडी सीधे नदी किनारे बने संपवेल से लिया जा सकेगा और पुराने इंटकवेल से 180 एमएलडी चलेगा व 360 एमलडी स्टैंड बाय रहेगा।
नर्मदा फेज-3 के लिए सबमर्ज सेंट्रीफ्यूगल पंप क्षमता 92 एमएलडी संख्या-2 सेट की आपूर्ति एवं स्थापना का काम होगा। इस पर लगभग 2 करोड़ 10 लाख रुपए खर्च होंगे। इस काम के होने से नर्मदा तीसरे चरण को पूर्ण क्षमता से चलाया जा सकेगा, क्योंकि 360 एमएलडी सीधे नदी किनारे बने संपवेल से लिया जा सकेगा और पुराने इंटकवेल से 180 एमएलडी चलेगा व 360 एमलडी स्टैंड बाय रहेगा।
सप्लाय होगी प्रभावित
नर्मदा प्रथम व दूसरे चरण के इंटकवेल में स्थापित 42 एमएलडी क्षमता के वर्टिकल टर्बाइन पंप संख्या-4 सेट को बदलने का काम होगा। इससे जलप्रदाय में बढ़ोतरी होगी। यह काम लगभग 1 करोड़ 98 लाख रुपए में पूरा होगा।
नर्मदा प्रथम व दूसरे चरण के इंटकवेल में स्थापित 42 एमएलडी क्षमता के वर्टिकल टर्बाइन पंप संख्या-4 सेट को बदलने का काम होगा। इससे जलप्रदाय में बढ़ोतरी होगी। यह काम लगभग 1 करोड़ 98 लाख रुपए में पूरा होगा।
बढ़ेगा 30 एमलडी पानी
नर्मदा का प्रथम चरण लाने के लिए वर्ष 1976 में निर्मित चार क्लियर वॉटर सम्प की छत पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ ही पंपगृह 3 व 4 के संप में भारी मात्रा में लीकेज होता है। इसको रोकने के लिए काम और चारों संपवेल की नवीन आरसीसी छत का निर्माण कार्य किया जाना है। इससे जलप्रदाय में 30 एमएलडी वृद्धि होगी। यह काम लगभग 2 करोड़ 35 लाख रुपए में होगा। इसके लिए चार स्थानों पर अलग-अलग 30 से 40 मजदूरों की गैंग लगाई जाएगी।
नर्मदा का प्रथम चरण लाने के लिए वर्ष 1976 में निर्मित चार क्लियर वॉटर सम्प की छत पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो गई है। साथ ही पंपगृह 3 व 4 के संप में भारी मात्रा में लीकेज होता है। इसको रोकने के लिए काम और चारों संपवेल की नवीन आरसीसी छत का निर्माण कार्य किया जाना है। इससे जलप्रदाय में 30 एमएलडी वृद्धि होगी। यह काम लगभग 2 करोड़ 35 लाख रुपए में होगा। इसके लिए चार स्थानों पर अलग-अलग 30 से 40 मजदूरों की गैंग लगाई जाएगी।
व्यर्थ नहीं जाएगा
नर्मदा प्रथम चरण अंतर्गत डाली गई 1200 मिमी व्यास की क्रांक्रीट (पीएससी) पाइप लाइन (फीडर ग्रेवेटी मेन) वांचू पॉइंट से बिजलपुर के बीच लगभग 47 किमी में से विभिन्न स्थानों पर बार-बार लीकेज होने से पेयजल का अपव्यय होता रहता है। अब इन स्थानों को चिह्नित किया गया है। इसके तहत 17 स्थानों पर लगभग 5 किमी लाइन को 1200 मिमी व्यास की एमएस पाइप लाइन से बदलने का काम होगा। इस काम पर लगभग 15 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च होंगे। इससे लगभग 10 एमएलडी पानी व्यर्थ बहने से बचेगा। यह काम सभी जगह जैसे राऊ, महू, आशापुरा, नहर कोदारा मेन, वांचू पॉइंट और अन्य स्थानों पर अलग-अलग पाइप लाइन पोकलेन व क्रेन आदि लगाकर किया जाएगा।
नर्मदा प्रथम चरण अंतर्गत डाली गई 1200 मिमी व्यास की क्रांक्रीट (पीएससी) पाइप लाइन (फीडर ग्रेवेटी मेन) वांचू पॉइंट से बिजलपुर के बीच लगभग 47 किमी में से विभिन्न स्थानों पर बार-बार लीकेज होने से पेयजल का अपव्यय होता रहता है। अब इन स्थानों को चिह्नित किया गया है। इसके तहत 17 स्थानों पर लगभग 5 किमी लाइन को 1200 मिमी व्यास की एमएस पाइप लाइन से बदलने का काम होगा। इस काम पर लगभग 15 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च होंगे। इससे लगभग 10 एमएलडी पानी व्यर्थ बहने से बचेगा। यह काम सभी जगह जैसे राऊ, महू, आशापुरा, नहर कोदारा मेन, वांचू पॉइंट और अन्य स्थानों पर अलग-अलग पाइप लाइन पोकलेन व क्रेन आदि लगाकर किया जाएगा।
यह मिलेगा पानी
ग्राम आशापुरा के पास नर्मदा फेज-3 से फेज-1 की फीडर लाइन में 1200 मिमी व्यास का इंटर कनेक्शन किया जाएगा। इसमें नर्मदा फेज-1 व 2 से जुड़ी टंकियों एवं डायरेक्ट सप्लाय को पेयजल आपूर्ति नर्मदा फेज-3 के 360 एमएलडी से की जाएगी। इस व्यवस्था से फेज 1 व 2 से जुड़े मुख्य क्षेत्र कैट, महू, मिलेट्री एरिया, रेलवे महू आदि को सामान्य जलापूर्ति की जाएगी।
ग्राम आशापुरा के पास नर्मदा फेज-3 से फेज-1 की फीडर लाइन में 1200 मिमी व्यास का इंटर कनेक्शन किया जाएगा। इसमें नर्मदा फेज-1 व 2 से जुड़ी टंकियों एवं डायरेक्ट सप्लाय को पेयजल आपूर्ति नर्मदा फेज-3 के 360 एमएलडी से की जाएगी। इस व्यवस्था से फेज 1 व 2 से जुड़े मुख्य क्षेत्र कैट, महू, मिलेट्री एरिया, रेलवे महू आदि को सामान्य जलापूर्ति की जाएगी।
विद्युत फॉल्ट में आएगी कमी
चार क्लियर वॉटर पम्प हाउस के 6.6 केवी के स्टार्टर पैनल बदलकर नए पैनल एवं सॉफ्ट स्टार्टर की आपूर्ति एवं स्थापना करना, ताकि कार्य क्षमता को बढ़ाए जा सके, दो विद्युत उपकेंद्रों 33/6.6 केवी में सभी विद्युत पैनल और चार ट्रांसफॉर्मर क्षमता 4 एमवीए बदलकर दो नए ट्रांसफॉर्मर क्षमता 10 एमवीए की आपूर्ति व स्थापना का काम होगा, क्योंकि जिन विद्युत उपकरणों को बदला जा रहा है, उनकी आयु सीमा पूर्ण हो गई है और रख-रखाव में कठिनाई हो रही है। इन कामों पर लगभग 7 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च होंगे। निगम अफसरों का कहना है कि इन कामों के होने से बिजली और एचटी मोटर की सुरक्षा होगी। साथ ही विद्युत फॉल्ट में कमी आएगी, जो आए दिन होता रहता है और पानी सप्लाय प्रभावित होता है।
चार क्लियर वॉटर पम्प हाउस के 6.6 केवी के स्टार्टर पैनल बदलकर नए पैनल एवं सॉफ्ट स्टार्टर की आपूर्ति एवं स्थापना करना, ताकि कार्य क्षमता को बढ़ाए जा सके, दो विद्युत उपकेंद्रों 33/6.6 केवी में सभी विद्युत पैनल और चार ट्रांसफॉर्मर क्षमता 4 एमवीए बदलकर दो नए ट्रांसफॉर्मर क्षमता 10 एमवीए की आपूर्ति व स्थापना का काम होगा, क्योंकि जिन विद्युत उपकरणों को बदला जा रहा है, उनकी आयु सीमा पूर्ण हो गई है और रख-रखाव में कठिनाई हो रही है। इन कामों पर लगभग 7 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च होंगे। निगम अफसरों का कहना है कि इन कामों के होने से बिजली और एचटी मोटर की सुरक्षा होगी। साथ ही विद्युत फॉल्ट में कमी आएगी, जो आए दिन होता रहता है और पानी सप्लाय प्रभावित होता है।
65 दिन का लेंगे शट डाउन
नर्मदा के पहले और दूसरे चरण की पाइप लाइन बदलने के लिए नर्मदा के पहले और दूसरे चरण में 65 दिन का शट डाउन लिया जाएगा। इसकी शुरुआत 15 जुलाई से होगी। इसके चलते करीब 50 एमएलडी पानी कम मिलेगा, क्योंकि दोनों चरण के पंप पूरी तरह बंद हो जाएंगे। शहर के कई इलाकों को किल्लत भी झेलना पड़ सकती है। निगम अफसरों का कहना है कि 410 एमएलडी के स्थान पर 360 एमलडी जलप्रदाय किया जाएगा, जो तीसरे चरण से होगा। अमृत प्रोजक्ट के तहत पाइप लाइन बदलने के साथ लीकेज सुधारने का काम होगा। अमृत प्रोजेक्ट के तहत नर्मदा जलप्रदाय योजना के लिए कई काम शहर में होना हैं, लेकिन पहले जलूद में किया जा रहा है।
नर्मदा के पहले और दूसरे चरण की पाइप लाइन बदलने के लिए नर्मदा के पहले और दूसरे चरण में 65 दिन का शट डाउन लिया जाएगा। इसकी शुरुआत 15 जुलाई से होगी। इसके चलते करीब 50 एमएलडी पानी कम मिलेगा, क्योंकि दोनों चरण के पंप पूरी तरह बंद हो जाएंगे। शहर के कई इलाकों को किल्लत भी झेलना पड़ सकती है। निगम अफसरों का कहना है कि 410 एमएलडी के स्थान पर 360 एमलडी जलप्रदाय किया जाएगा, जो तीसरे चरण से होगा। अमृत प्रोजक्ट के तहत पाइप लाइन बदलने के साथ लीकेज सुधारने का काम होगा। अमृत प्रोजेक्ट के तहत नर्मदा जलप्रदाय योजना के लिए कई काम शहर में होना हैं, लेकिन पहले जलूद में किया जा रहा है।
अमृत प्रोजेक्ट के तहत नर्मदा के पहले और दूसरे चरण की पाइप लाइन बदलने का काम जलूद में किया जाएगा। पंपिंग स्टेशन के साथ विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए काम होगा। नर्मदा के पहले और दूसरे चरण में 65 दिन का शट डाउन लिया जाएगा। वर्तमान में मिल रहे 410 एमएलडी के स्थान पर 360 एमलडी जलप्रदाय किया जाएगा, जो तीसरे चरण से होगा।
– बलराम वर्मा, प्रभारी, जलकार्य समिति