प्राकृतिक आपदा से कैसे निपटते है यह इंदौरवालों से सीखे: शिवराजसिंह
समाजसेवा के कामों की मख्यमंत्री ने की प्रशंसा, अफसरों को दिए डेढ़ रेट को कम करने के निर्देश
इंदौर. चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार इंदौर आए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कोरोनाकाल में मजदूरों के पलायन के दौरान लोगों के द्वारा किए गए समाजसेवा के कामों की जमकर प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा, प्राकृतिक आपदा से कैसे निपटते है यह सीखना है तो इंदौरवालों से सीखो।
प्राकृतिक आपदा से कैसे निपटते है यह इंदौरवालों से सीखे: शिवराजसिंह
आत्मनिर्भर योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री ने कहा, शुरुआत में तो कोरोनाकाल से निपटने की व्यवस्था नहीं थी। जब हमारी सरकार बनी तो रोज 60 जांच होने की सुविधा प्रदेश में थी जिसे अब बढ़ाकर 6 हजार प्रतिदिन कर दिया है और इस महीने के अंत तक इसे बढ़ाकर 10 हजार कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, मजदूरों को महाराष्ट्र में किसी तरह की सुविधा नहीं मिल रही थी लेकिन जब प्रदेश की सीमा में आए तो यहां लोगों ने उनका पूरा ध्यान रखा। इंदौर के लोगों ने मनपसंद भोजन के साथ ही कपड़े, जूते चप्पल की व्यवस्था कर एक बड़ा उदाहरण पेश किया। इसका दस्तावेजी करण होना चाहिए ताकि प्राकृतिक आपदा से कैसे निपटते है यह इंदौरवालों से सीखा जा सके।
इसके पहले मुख्यमंत्री ने कलेक्टर कार्यालय में राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में भाग लिया। यहां इंदौर में कोरोना से निपटने के लिए हुए प्रयासों की प्रशंसा की। कलेक्टर मनीषसिंह ने उन्हें मरीजों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा, डेथ रेट 4.2 परसेंट से नीचे लाने के प्रयास करें। रिकवरी रेट ठीक है बावजूद इसके लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो ऐसी व्यवस्थाएं जुटाई जाए। उनका उम्मीद जताई कि जल्द ही कोरोना से जीतकर इंदौर देश भर के लोगों के सामने अपना उदाहरण पेश करेगा।