दरअसल, तेंदुए वन क्षेत्र में पानी, भोजन की तलाश में घूमते हुए जंगल सीमा से सटे गांवों में भी आ रहे हैं। सिमरोल आइआइटी का कुछ हिस्सा भी हराभरा और जंगल जैसा है। जंगल से एकदम लगा या यूं कहें कि जंगल का भाग। इस ओर अक्सर जंगली जानवर रात में दिखाई देते हैं। कई बार तेंदुए भी देखे गए और फिर पिंजरा लगा कर रेस्क्यू भी किए गए हैं। हाल ही में एक तेंदुआ पकड़ कर जंगल में छोड़ा गया था। अभी यहां तेंदुए के तीन पगमार्क मिले हैं। वन विभाग के अनुसार यहां तेंदुआपरिवार मौजूद होने की आशंका है। तीन पंजों के निशान में दो वयस्क और एक शावक के हैं। यहां कर्मचारियों ने भी तेंदुए देखे जाने की पुष्टि वन विभाग अमले से की है।
बच्ची की मौत, युवक घायल बता दें पिछले बुधवार दूधिया बावड़ी-गाजिंदा वनक्षेत्र में छह साल की बच्ची पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। बच्ची परिवार के साथ घर के बाहर सो रही थी। इस हमले में उसकी मौत हो गई थी। वहीं दो दिन बाद तेंदुए के बच्चा गाजिंदा गांव के पोल्ट्री फार्म में घुस गया था। भागने के दौरान एक युवक को पंजा मार घायल कर दिया था।
विभाग रखे हुए नजर आइआइटी इंदौर में तेंदुए की मौजदूगी के प्रमाण और तीन अलग-अलग पगमार्क नजर आने की वजह से परिसर में शिक्षक से लेकर विद्यार्थी तक डरे हुए हैं। वन विभाग ने भी निगरानी बढ़ा रखी है। सुबह-शाम वनकर्मियों से गश्त करवाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक आए दिन परिसर में तेंदुए की मौजूदगी मिली है। वन अफसरों के मुताबिक पांच साल में चार बार आइआइटी से तेंदुए को पकड़ा है।
एक दर्जन गांव लगे चोरल रेंज के वन क्षेत्र में एक दर्जन गांव जंगल सीमा से लगे हुए हैं। इनमें रसकुंडिया, सूरतीपुरा, गाजिंदा, सैंडल, मैंडल, उमठ, बैंका सहित अन्य पांच गांव और हैं। इसी वजह से वन्य प्राणियों की आवाजाही होती रहती है।
